Independence Day: पीएम मोदी ने 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से भरी हुंकार, विपक्ष पर प्रहार, जानिये कुछ बड़ी बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पीएम मोदी (फाइल फोटो)
पीएम मोदी (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: भारत आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का प्लान भी बताया और सभी को साथ लेकर चलने की बात की।

पीएम मोदी (Pm Modi) ने देश को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की अब तक की और भविष्य की योजनाओं का भी खुलासा किया और विपक्ष को भी अपने निशाने पर लिया। 

पीएम मोदी ने एक बार फिर जातिवाद, परिवारवाद को लेकर कांग्रेस (Congress) समेत विपक्षी पार्टियों (Opposition Parties) को घेरा। पीएम मोदी ने कहा कि जातिवाद, परिवारवाद (Familism) के साथ ही बार-बार चुनाव कराना देश की विकास में बाधा है। उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन की दिशा में काम करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहरायी। इसके साथ ही महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों पर चिंता जतायी और इस तरह के अपराध के दोषियों के मन में भय पैदा करने की जरूरत भी बतायी।

जानिये पीएम मोदी के संबोधन की कुछ खास बातें।

बार-बार चुनाव विकास की राह में बाधा है। वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) की दिशा में काम जरूरी है।

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देश को परिवारवाद और जातिवाद (Casteism) से मुक्ति जरूरी है। हम एक लाख गैरराजनैतिक लोगों को लाना चाहते हैं। 

हमारी सरकार हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहती है।जो पीछे छूट गये उनको भी साथ लेकर चलना है।

देश में एक सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है और गलत कानूनों का आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है।

मौजूदा नागरिक संहिता एक कम्युनल नागरिक संहिता है। अब हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है।

जो कानून सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण हैं उनका कोई स्थान नहीं है, हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता (Secular Civil Code) की आवश्यकता है। 

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यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक ही कानून होना।

अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक से कानून होगा।

हमें संकल्प के साथ हर क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे हैं।

कुछ लोग देश की प्रगति देख नहीं सकते।निराशा में डूबे लोगों से बचना होगा।










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