DN Exclusive: राजनेताओं और धर्मावलंबियों के वे विवादित बयान.. जो इतिहास में हंसी के लिये हो गये दर्ज
यूं तो आये दिन विवादित बयानबाजी होती रहती है लेकिन कभी सुर्खियां बटोरने के लिये राजनेताओं और धर्मावलंबियों की जुबान इस कदर फिसल जाती है कि वह इतिहास में दर्ज हो जाती है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें ऐसे ही कुछ मजेदार बयान, जो विवादों के कारण इतिहास में दर्ज हो गये..
नई दिल्ली: केरल में आई बाढ़ की तबाही से जहां अब तक 350 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाईं है वहीं प्रदेश में 10 लाख लोग शिविरों में रहने को मजबूर है। यहां करीब 45,000 हेक्टेयर में कृषि फसल बर्बाद हो चुकी हैं। केंद्र की तरफ से इसे गंभीर आपदा घोषित किया गया है। इस संकट की घड़ी में जहां पूरा देश आज केरल के साथ खड़ा हुआ हैं वहीं विदेशों से भी सहायता राशि भेजी जा रही हैं।
वहीं कुछ ऐसे नेता भी हैं जो अपने विवादित बयानों की वजह से केरल में आई इस त्रासदी पर सुर्खियां बंटोरने का काम कर रहे हैं और उनके इन बयानों केरल के लोगों का मजाक बना रहे हैं। केरल पर विवादित बयान से पहले भी कई नेताओं व धर्मावलंबी अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहे चुके।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही नेताओं और धर्मावलंबियों के बारे में जो हमेशा विवादों में रहते हैं। पढ़ें ऐसे बयानों की एक स्पेशल सीरीज
1. बसनगौड़ा पाटिल यतनालः कर्नाटक के विजयपुरा से भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने केरल में आईं इस त्रासदी को लेकर कहा कि यहां खुले में लोगों ने गोवध किया, इस वजह से एक साल के भीतर इस तरह की बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। वहव यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि जो भी हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा, उसे इसी तरह के परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इससे पहले पिछले महीने उन्होंने कहा था कि अगर वह गृहमंत्री होते तो बुद्धिजीवियों को गोली से उड़वा देते। क्योंकि वे आतंकवादियों के मानवाधिकारों की वकालत करते हैं, न कि देश की रक्षा के लिए जान देने वाले सैनिकों के मानवाधिकारों की।
2. स्वामी चक्रपाणि महाराजः हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने केरल में बाढ़ को लेकर एक विवादित बयान दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि केरल में बाढ़ की वजह इंद्र देवता की नाराजगी है। केरल के लोगों को गोमांस का सेवन करने से उपजे पाप की वजह से बाढ़ आई है। उन्होंने यह भी कहा कि केरल में बाढ़ में फंसे उन लोगों की मदद नहीं की जानी चाहिए जो बीफ खाते हैं।
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3. राजा सिंहः असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को हैदराबाद से भाजपा विधायक राजा सिंह ने इस मामले में विवादित बयान दिया कि जो अवैध बांग्लादेशी अपने देश नहीं लौटेंगे, उन्हें गोली मार देनी चाहिए। राजा सिंह ने कहा कि इन्हें गोली मारने के बाद ही हमारा देश सुरक्षित रहेगा।
4. दिलीप घोषः पश्चिम बंगाल से बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक विवादित बयान देकर कहा था कि अगर पश्चिम बंगाल में उनकी सरकार आती हैं तो असम की तरह ही बंगाल में भी एनआरसी को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि बंगाल में करीब 1 करोड़ से अधिक बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। हम किसी एक को भी नहीं छोड़ेंगे। और जो भी लोग उनका सर्मथन करेंगे उन्हें भी अपना बैग पैक करना पड़ेगा।
5. रणदीप सुरजेवालाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आजमगढ़ में दिए गए एक भाषण पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि मोदी अगले चुनाव में हार के डर से समाज में नफरत का जहर घोलने में लग गए हैं। हार के डर से मोदी आपा खो गये और मोदी आज पसीना पोंछ-पोंछ कर समाज में नफरत एवं बंटवारे का जहर घोल रहे हैं। सच तो यह है कि कांग्रेस पार्टी एवं राहुल गांधी से बदले की आग में मोदी धृतराष्ट्र की तरह अंधे हो चुके हैं।
6. कैलाश विजयवर्गीयः मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय भी विवादित बयान देने वालों में पीछे नहीं है। उन्होंने रेप मामलों में महिलाओं को टार्गेट करते हुए कहा था कि औरतें अपनी सीमाएं लांघ देती हैं तो उन्हें दंड मिलना तय है। उन्होंने कहा कि एक शब्द है- मर्यादा। मर्यादा का उल्लंघन होता हैं तो सीता हरण हो जाता है। लक्ष्मण रेखा हर व्यक्ति की खींची गई है। उस लक्ष्मण रेखा को कोई भी पार करेगा तो रावण सामने बैठा है, वह सीता हरण करके ले जाएगा।
7. शरद यादवः जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता शरद यादव भी एक बार विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए थे। जब वे जेडीयू के अध्यक्ष थे तब उन्होंने एक बार महिला आरक्षण विधेयक जब पहली बार संसद में रखा गया था तब कहा था कि इस विधेयक के जरिए क्या आप ‘ परकटी महिलाओं’ को सदन में लाना चाहते हैं। उनकी इस टिप्पणी के बाद महिलाओं संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था। जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो उन्हें अंत में मजबूर होकर माफी मांगनी पड़ी।
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8. असदुद्दीन ओवैसीः एआईएमआईएण प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का विवादित बयानों से पुराना नाता है। एक बार उन्होंने एक जनसभा में मुस्लिमों को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर मुसलमान जिंदा रहना चाहते हैं तो वो अपनी जात के उम्मीदवारों को वोट देकर जिताएं। धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखना हैं तो अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि अगर मुसलमान एक मजबूत राजनीतिक ताकत बनेंगे तो तब जाकर धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को ताकत मिलेगी।
9. आसाराम बापूः दुष्कर्म मामले में जेल में सजा काट रहे आसाराम बापू ने भी एक बार विवादित बयान दिया था। उन्होंने मीडिया पर अपने को बदनाम करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने इस विवादित बयान में कहा था कि हाथी चलता हैं तो कुत्ते भौंकते हैं। इस पर बहुत ध्यान देने की जरूरत नहीं है। वहीं दिल्ली में हुए एक गैंगरेप मामले में भी इससे पहले उन्होंने कहा था कि पीड़िता को आरोपियों को भाई कहकर संबोधित करना चाहिए था और सरस्वती मंत्र का जाप करना चाहिए था।
10. साक्षी महाराजः विवादित बयान देने वालों में सबसे चर्चित चेहरा उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज का रहा है। साक्षी महाराज ने कहा था कि इस्लाम धर्म में महिलाओं की इज्जत जूती की तरह होती है। इसलिए कोर्ट को इस मामले में कुछ करना चाहिए। राम मंदिर को लेकर उन्होंने कहा था कि राम मंदिर के कारण ही पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में जाएगी और ये होकर रहेगा। उन्हें देश विरोधी नारे लगाने वाले लोगों को कहा था कि उन्हें या तो गोली मार देनी चाहिए या फिर फांसी पर चढ़ा देना चाहिए। वहीं उन्होंने नेपाल हुई त्रासदी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि वो मांस खाते हैं और केदारनाथ का दर्शन करने गए थे। इस कारण नेपाल में त्रासदी हुई। वहीं उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा करने के लिए हिंदू महिलाओं को कम से कम चार बच्चे पैदा करने के लिए कहा था। साक्षी के इस बयान से तो राजनीति में भूचाल ही आ गया था।