विदेशों बाजारों में मजबूती से बीते सप्ताह सभी खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

डीएन ब्यूरो

विदेशों में सोयाबीन डीगम के दाम में बीते सप्ताह आई मजबूती के बीच देश के तेल-तिलहन बाजारों में लगभग सभी खाद्य तेल-तिलहनों के थोक भाव मजबूत बंद हुए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

तेल-तिलहन कीमतों में सुधार
तेल-तिलहन कीमतों में सुधार


नयी दिल्ली: विदेशों में सोयाबीन डीगम के दाम में बीते सप्ताह आई मजबूती के बीच देश के तेल-तिलहन बाजारों में लगभग सभी खाद्य तेल-तिलहनों के थोक भाव मजबूत बंद हुए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि विदेशों में पिछले सप्ताह सोयाबीन तेल का दाम 972 डॉलर से बढ़कर 1,040-45 डॉलर प्रति टन हो गया है। लेकिन पिछले साल मई के मुकाबले यह दाम लगभग आधा है। इसके अलावा सप्ताह के दौरान शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती रहने तथा देश के किसानों द्वारा निचले भाव पर बिकवाली कम करने से खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में मजबूती रही।

उन्होंने कहा कि सरसों के बढ़िया माल की कमी भी है और इसकी आवक घटने से भी तेल कीमतों में सुधार है। वैसे सरसों और देशी सूरजमुखी तिलहन के दाम अब भी अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम बने हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि बाजार में मूंगफली की कमी है और अक्टूबर में नयी फसल आने के बाद ही स्थिति में सुधार होगा। यही हाल बिनौला का भी है जिसका अच्छा माल काफी कम है और इसके लिए भी अगली फसल का इंतजार रहेगा। बिनौला की पेराई भी कम हो रही है। बीते सप्ताह मलेशिया एक्सचेंज में ज्यादातर समय मजबूती रहने से कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के भाव मजबूत रहे। कुछ मांग निकलने से भी खाद्य तेलों के दाम में इजाफा हुआ है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार के साथ-साथ तेल संगठनों को इस मुद्दे पर ध्यान देना होगा कि आयातक बंदरगाहों पर आयातित सोयाबीन जैसे तेल लागत से लगभग नौ प्रतिशत कम दाम पर बेच रहे हैं। इससे अंतत: बैंकों को ही नुकसान है।

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बाजार सूत्रों के अनुसार, आयातित तेल बेपड़ता बेचे जाने यानी लागत से कम दाम पर थोक बिक्री किये जाने की वजह से देशी तेल-तिलहन पर भारी दबाव है और किसानों को अपनी उपज (सरसों और सूरजमुखी) नुकसान में बेचना पड़ रही है। देश में खाद्य तेलों के मामले में लगभग 60 प्रतिशत की कमी या आयात पर निर्भरता के बावजूद यह स्थिति है। जिस भी कारण से सस्ते आयातित तेल की के लिए दरवाजे खोले गये, उसके असर से तेल-तिलहन उद्योग संकट में जा पहुंचा है और वे अंदर से खोखले हो चले हैं। देश के तिलहन किसान अलग परेशान हैं क्योंकि सस्ते आयातित तेल के मुकाबले इन किसानों की उपज की लागत लगभग दोगुना होने से उनकी उपज खप नहीं रही है।

अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) अधिक तय किये जाने की वजह से उपभोक्ताओं को इन्हीं सस्ते आयातित तेलों को खुदरा में महंगा खरीदना पड़ रहा है। बैंकों को अलग नुकसान का खतरा मौजूद है। तेल मिलें पेराई के अभाव से जूझ रहे हैं। सस्ते आयात का फायदा किसानों, तेल मिलों, उपभोक्ताओं में किसी को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में स्थिति को संभालने के लिए उपचारात्मक कदम के बारे में विचार किया जाना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि आबादी बढ़ने के साथ देश में खाद्य तेलों की औसत मांग हर वर्ष लगभग 10 प्रतिशत बढ़ रही है। ऐसे में देशी तेल-तिलहन की खेती और उत्पादन में वृद्धि होनी चाहिये थी लेकिन सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि मूंगफली, कपास (बिनौला), सूरजमुखी आदि तिलहन खेती का रकबा कम हुआ है।

पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 150 रुपये बढ़कर 5,600-5,650 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 350 रुपये बढ़कर 10,350 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 55-55 रुपये की बढ़त के साथ क्रमश: 1,760-1,855 रुपये और 1,760-1,870 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव 40-40 रुपये सुधार के साथ क्रमश: 5,105-5,200 रुपये प्रति क्विंटल और 4,870-4,965 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

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सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल के दाम क्रमश: 50 रुपये, 50 रुपये और 75 रुपये की सुधार के साथ क्रमश: 9,800 रुपये, 9,750 रुपये और 8,100 रुपये रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन, मूंगफली गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव भी क्रमश: 100 रुपये, 120 रुपये और 25 रुपये की बढ़त के साथ क्रमश: 7,440-7,490 रुपये, 17,920 रुपये और 2,630-2,915 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 25 रुपये के सुधार के साथ 7,925 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 25 रुपये बढ़कर 9,175 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला का भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में 25 रुपये की बढ़त दर्शाता 8,275 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

सुधार के आम रुख के अनुरूप बिनौला तेल का भाव भी 25 रुपये सुधार के साथ 8,475 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

 










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