Modi Yunus Meeting: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की बढ़ाई गई सुरक्षा, रामनवमी और दुर्गा पूजा पर कड़ी निगरानी

डीएन ब्यूरो

पीएम नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। जिसके बाद बांग्लादेश शांतिपूर्वक तरीके से लोग पूजा-अर्चन कर सकेंगे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात (फाइल फोटो)
पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस की मुलाकात (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड के दौरे पर बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता की रिपोर्ट के मुताबिक, जिसमें पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जताई थी। प्रधानमंत्री के इस बयान का असर अब बांग्लादेश में दिखने लगा है। जहां हिंदू समुदाय के धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा को पहले से ज्यादा मजबूत किया गया है। रामनवमी और दुर्गा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों पर बांग्लादेश सरकार और सेना ने हिंदू श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा, ताकि पूजा-अर्चना के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

पूजा आयोजन के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

बांग्लादेश में महाअष्टमी, बसंती पूजा और पुण्यस्नान जैसे धार्मिक आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हुए। लाखों भक्तों ने इस अवसर पर पूजा में भाग लिया और बांग्लादेश सेना ने पूजा मंडपों, स्नान घाटों और अन्य धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी ड्यूटी निभाई। इस कदम से यह संदेश गया कि सरकार और सेना हिंदू समुदाय के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

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सेना की सक्रिय भूमिका

बांग्लादेश आर्मी ने विशेष रूप से पूजा आयोजनों के दौरान अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया। देशभर के महत्वपूर्ण स्थलों पर सेना ने चौबीसों घंटे गश्त और निगरानी की व्यवस्था की। इस दौरान सेना ने यातायात प्रबंधन में भी सहायता की और सुनिश्चित किया कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न हो। लांगलाबंध, नारायणगंज में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे आयोजित महा अष्टमी पुण्यस्नान में लाखों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। जिनमें भारत, श्रीलंका और नेपाल से भी भक्त आए थे।

धार्मिक स्थलों पर सेना की निगरानी

बांग्लादेश के विभिन्न स्थानों जैसे चिलमारी उपजिला, कोमिला, चांदपुर और चटगांव में भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा में शामिल हुए। यहां सेना ने प्रत्येक पूजा मंडप के आसपास की निगरानी को और मजबूत किया और शांति बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास किए। सेना ने पूजा समितियों और पुजारियों के साथ भी संवाद स्थापित किया। जिससे सभी के बीच विश्वास का वातावरण बना और सुरक्षा को लेकर कोई संकोच न रहा। इस प्रकार बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की धार्मिक आस्थाओं के प्रति सुरक्षा और समर्थन दिखा।

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धार्मिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता की मिसाल

बांग्लादेश आर्मी ने हमेशा की तरह धार्मिक पर्वों के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित की, जिससे यह साबित हुआ कि यह कदम धार्मिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता की मिसाल है। सेना की पेशेवरता, तत्परता और ईमानदारी ने हिंदू समुदाय के अनुयायियों का विश्वास और आभार अर्जित किया। यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के सम्मान को भी दर्शाती है और इसने एकता सौहार्द और सुरक्षा के महत्व को उजागर किया।










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