Ragging case: यादवपुर विश्वविद्यालय का बड़ा फैसला ,गिरफ्तार छात्र आरोपमुक्त होने तक परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे
कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने फैसला किया है कि छात्रावास में कथित तौर पर रैगिंग और यौन उत्पीड़न के कारण प्रथम वर्ष के एक छात्र की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए 13 छात्रों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोलकाता: कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने फैसला किया है कि छात्रावास में कथित तौर पर रैगिंग और यौन उत्पीड़न के कारण प्रथम वर्ष के एक छात्र की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए 13 छात्रों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि आरोपमुक्त होने तक आरोपी छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने से भी रोक दिया गया है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में प्रतिष्ठित संस्थान के चार छात्र शामिल हैं और उन पर प्रतिबंध लागू रहेगा, चाहे वे जमानत पर हो या पैरोल पर।
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अधिकारी ने बताया कि हालांकि, कार्यकारी परिषद की बैठक में अपराध में मदद करने और उकसाने के आरोपी 30 से अधिक वरिष्ठ छात्रों के छात्रावास में प्रवेश पर रोक लगाने के शुरुआती फैसले को रद्द कर दिया गया।
करीब एक महीने पहले सौंपी गई आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर मंगलवार रात ये फैसले लिए गए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कार्यकारी परिषद ने सर्वसम्मति से तय किया है कि जिन छात्रों पर पोक्सो के तहत मामला दर्ज है और अब हिरासत में हैं, वे आरोपमुक्त होने तक विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। यह फैसला ऐसे किसी भी शोधकर्ता पर भी लागू होगा जो अब स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम का छात्र नहीं है और फिलहाल नौ अगस्त की रैंगिग और मौत से संबंधित मामले में गिरफ्तार है।
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कार्यकारी परिषद की बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ संकाय सदस्य ने कहा, ‘‘छात्रावास में 30 वरिष्ठ छात्रों के प्रवेश पर रोक की प्रारंभिक सिफारिश पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। ’’
नादिया के रहने वाले प्रथम वर्ष के छात्र की नौ अगस्त की आधी रात को यादवपुर विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से गिरने के बाद मृत्यु हो गई थी।