पुलिस आयुक्त के बेटे की रैगिंग करना पड़ा महंगा, आरोपी सीनियर्स को मिली ये बड़ी साज
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) के तीन वरिष्ठ छात्रों को नये छात्र एवं इंदौर के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा के बेटे के साथ रैगिंग करने के आरोप में दो साल के लिए छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) के तीन वरिष्ठ छात्रों को नये छात्र एवं इंदौर के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा के बेटे के साथ रैगिंग करने के आरोप में दो साल के लिए छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है। साथ ही इनपर एनएलआईयू की किसी भी गतिविधि में भाग लेने या संस्थान का प्रतिनिधित्व करने पर भी रोक लगा दी गई है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी है।
रैगिंग रोधी समिति के एक सदस्य ने फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) में शिकायत के बाद हमने आरोपों की जांच की और तीन छात्रों को दो साल के लिए छात्रावास से निष्कासित कर दिया। इसके अलावा, उन्हें विश्वविद्यालय के अंदर और बाहर संस्था की किसी भी गतिविधि में भाग लेने या उसका प्रतिनिधित्व करने पर रोक लगा दी गई है।’’
उन्होंने कहा कि नये छात्र (फ्रेशर) के साथ मारपीट नहीं की गई थी।
प्रोफेसर ने कहा, ‘‘हमने फ्रेशर्स के हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की। कुछ दिन पहले हुई घटना के दिन, झगड़े के दौरान छात्र के साथ दुर्व्यवहार किया गया था।’’
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उन्होंने कहा कि वरिष्ठ छात्रों को प्रथम वर्ष के छात्रों के अलग छात्रावास में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने दोनों पक्षों और गवाहों के बयान दर्ज किए। पैनल ने होली से पहले यूजीसी, एनएलआईयू वीसी और रजिस्ट्रार को तीन छात्रों के खिलाफ अपने निष्कर्ष और कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) सौंप दी थी।’’
उन्होंने कहा कि रैगिंग रोधी समिति के फैसले के बारे में औपचारिक रूप से तीनों छात्रों को सोमवार को सूचित किया जाएगा, जब विश्वविद्यालय त्योहारी अवकाश के बाद फिर से खुलेगा।
उन्होंने स्वीकार किया कि पीड़ित छात्र के माता-पिता ने यूजीसी से शिकायत की थी।
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डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, प्रोफेसर ने यह भी स्वीकार किया कि हरिनारायणचारी मिश्रा इंदौर से भोपाल आए थे और अपने बेटे के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार को लेकर वरिष्ठ छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहते थे।
विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार रैगिंग की यह घटना 18 फरवरी को हुई थी।