राहुल गांधी ने केरल के मुख्यमंत्री से चिकित्सा लापरवाही के मामलों के खिलाफ किया ये खास आग्रह
कांग्रेस नेता और वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से राज्य में गंभीर चिकित्सा लापरवाही के मामलों के खिलाफ सुरक्षा उपाय करने का आग्रह किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस नेता और वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से राज्य में गंभीर चिकित्सा लापरवाही के मामलों के खिलाफ सुरक्षा उपाय करने का आग्रह किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, राहुल गांधी ने ऐसे मामलों से निपटने के लिये एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित किए जाने की भी मांग की ताकि पीड़ितों को न्याय के लिये सड़कों पर न उतरना पड़े।
कांग्रेस नेता ने यह अनुरोध कोझिकोड के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों द्वारा कथित चिकित्सा लापरवाही के कारण सर्जरी के बाद एक महिला के पेट में गलती से 'चिमटी ' छोड़े जाने की घटना के संबंध में किया था।
उन्होंने मुख्यमंत्री विजयन को पत्र लिखकर सरकार से पीड़ित महिला हर्षिना केके की मांगों पर गौर करने को कहा तथा इस मामले को लेकर उन्हें पर्याप्त मुआवजा देने का भी आग्रह किया। यह मुआवजा पहले दिये गये दो लाख रुपये से अलग है।
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा 'मैं आपसे यह भी अनुरोध करना चाहूंगा कि गंभीर चिकित्सा लापरवाही के ऐसे मामलों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा उपाय करें तथा प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करें ताकि पीड़ितों को न्याय के लिये सड़कों पर उतरने के लिये मजबूर न होना पड़े।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि हर्षिना कथित तौर पर 'वर्ष 2017 में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में हुई एक सर्जरी के दौरान चिकित्सा लापरवाही के कारण' लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं। वह राहुल गांधी की लोकसभा क्षेत्र वायनाड की निवासी है।
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राहुल गांधी ने कहा कि जब वह हाल ही में अपनी केरल यात्रा के दौरान हर्षिना और उसके परिवार से मिले और उनकी समस्या के बारे में जाना तो उन्हें 'बहुत दुख' हुआ।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'पांच साल से भी अधिक समय तक चिकित्सीय लापरवाही के कारण दर्द और मानसिक पीड़ा में जी रही हर्षिना के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उसकी तकलीफ ने उसके परिवार पर एक बड़ा भावनात्मक और वित्तीय प्रभाव भी डाला है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के साथ पत्र को भी साझा किया।
उन्होंने लिखा कि महिला कथित चिकित्सकीय लापरवाही के कारण 2017 से दयनीय जीवन जी रही है और उन्होंने उसकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक गौर करने और उसे जल्द से जल्द पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने के लिए केरल के मुख्यमत्री को एक पत्र भेजा है।
इस बीच, महिला ने चिकित्सा लापरवाही के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राज्य सचिवालय के बाहर अपना विरोध जारी रखा और कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान भी उनके आंदोलन में शामिल हुए।
केरल पुलिस ने अपनी जांच में सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की ओर से चिकित्सा लापरवाही पाई थी।
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पुलिस ने महिला की शिकायत के बाद जांच शुरू की। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन के बाद उसे स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, एक मेडिकल बोर्ड ने कथित तौर पर पुलिस के निष्कर्षों को खारिज कर दिया।
कोझिकोड की 30 वर्षीय महिला हर्षिना ने पिछले साल अक्टूबर में जांच की मांग करते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला का नवंबर 2017 में मेडिकल कॉलेज में तीसरा सीजेरियन ऑपरेशन हुआ था, जबकि उसकी पहले दो सर्जरी अलग-अलग निजी अस्पतालों में की गयी थीं।
कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने उसके पेट में पिछले पांच साल से मौजूद 'चिमटी' को हटाने के लिये 17 सिंतबर 2022 को हर्षिना की एक बड़ी सर्जरी की थी।
‘चिमटी’ का उपयोग सर्जन सर्जरी के दौरान रक्तस्राव वाहिकाओं को दबाने के लिए करते हैं।
मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने शुरुआत में निजी अस्पतालों में उसकी पिछली सर्जरी का हवाला देते हुए किसी भी लापरवाही से इनकार किया था। हालांकि, पुलिस के निष्कर्षों ने अधिकारियों को आगे की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करना पड़ा था।