रिलायंस लाइफ साइंसेज को जीन थेरेपी तकनीक का लाइसेंस मिला
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने रिलायंस लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को 'जीन थेरेपी' प्रौद्योगिकी का लाइसेंस दिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने रिलायंस लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को 'जीन थेरेपी' प्रौद्योगिकी का लाइसेंस दिया है।
आईआईटी कानपुर की जीन थेरेपी तकनीक को रिलायंस लाइफ साइंसेज द्वारा एक स्वदेशी उत्पाद के रूप में विकसित किया जाएगा। इस तकनीक से आंख की आनुवंशिक बीमारियों का इलाज किया जाता है।
यह भी पढ़ें |
बालासोर ट्रेन दुर्घटना मामले में सीबीआई ने तीन रेलकर्मियों को गिरफ्तार किया
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार संस्थान ने एक बयान में कहा, ''आईआईटी कानुपर के जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग (बीएसबीई) के जयधरन गिरिधर राव और शुभम मौर्य ने पेटेंट तकनीक को विकसित किया है। यह तकनीक एक 'आनुवंशिक विकार' के इलाज के लिए 'जीव के जीन को संशोधित' करती है।''
इसमें कहा गया है कि वायरल वैक्टर का उपयोग करने वाली जीन थेरेपी हाल ही में आणविक चिकित्सा के क्षेत्र में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरी है।
यह भी पढ़ें |
एक्सेंचर डेढ़ साल में 19,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी
रिलायंस लाइफ साइंसेज के अध्यक्ष के वी सुब्रमण्यम ने कहा कि कंपनी ''इस नवीन प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण की दिशा में काम करेगी।''