Uttarakhand Tunnel Crash: उत्तरकाशी सुरंग में रेसक्यू अभियान अंतिम चरण में, 41 श्रमिकों के लिए की गईं ये खास तैयारियां
उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड तैयार किया गया है। मजदूरों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 41 एम्बुलेंस सुरंग के बाहर मौजूद हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान बृहस्पतिवार को अंतिम चरण में पहुंच गया और सुरंग में आखिरी पाइप डाला जा रहा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद उन्हें तत्काल चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं।
घटनास्थल पर काम कर रहे एक ‘इलेक्ट्रीशियन’ ने बताया कि आखिरी पाइप डाला जा रहा है।
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बुधवार शाम मलबे से 800 मिलीमीटर व्यास वाले स्टील पाइप की ड्रिलिंग में उस समय बाधा आई जब लोहे की कुछ छड़ें ऑगर मशीन के रास्ते में आ गई थीं।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड तैयार किया गया है और सुरंग से बाहर निकलते ही उन्हें यहां भर्ती किया जाएगा। मजदूरों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 41 एम्बुलेंस सुरंग के बाहर मौजूद हैं।
दिल्ली में एक आधिकारिक अद्यतन जानकारी के अनुसार बुधवार शाम छह बजे तक मलबे में 44 मीटर तक ‘एस्केप पाइप’ (निकासी के लिए) डाला जा चुका था।
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इससे पहले अधिकारियों ने कहा था कि 41 मजदूरों तक पहुंचने के लिए अमेरिका निर्मित ‘ऑगर’ मशीन को 57 मीटर तक मलबों से होते हुए ड्रिलिंग करनी होगी। 11 दिन पहले निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा ढह जाने से ये मजदूर सुरंग में फंस गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ऑगर मशीन के शुक्रवार दोपहर किसी कठोर सतह से टकराने के बाद उससे ड्रिलिंग रोक दी गयी थी। ड्रिलिंग रोके जाने तक मलबे को 22 मीटर तक भेद कर उसके अंदर छह मीटर लंबे 900 मिलीमीटर व्यास के चार पाइप डाले जा चुके थे। मंगलवार आधी रात के आसपास ड्रिलिंग फिर से शुरू हुई।