सरदार पटेल के नाम को छोटा करने की कोशिश की गई: पीएम मोदी
सरदार वल्लभभाई पटेल की 142वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने लोगों को एकता की शपथ दिलाई।
नई दिल्ली: लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 142वीं जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबाधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा इतिहास के झरोखे से सरदार साहब के नाम को मिटाने का प्रयास हुआ या उनके नाम को छोटा करने की कोशिश की गई। देश की युवा पीढ़ी को सरदार पटेल से परिचित ही नहीं करवाया गया है। दरअसल उन्होंने कहा कि कोई राजनीतिक दल उनके माहात्म्य को स्वीकार करे या न करे, लेकिन हमारी पीढ़ी उन्हें इतिहास से ओझल होने देने के लिए तैयार नहीं है।
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी सरदार पटेल को पुष्पांजलि
यह भी पढ़ें |
डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती आज..पीएम मोदी ने इस तरह किया याद
सरदार वल्लभभाई पटेल की 142वीं जयंती के अवसर पर पूरे देश में 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पटेल चौक स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम से रन फॉर यूनिटी दौड़ को हरी झंडी दिखाई और लोगों को एकता की शपथ दिलाई।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी पुण्यतिथि
यह भी पढ़ें |
मोदी ने लौह पुरुष को किया नमन
लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'आज सरदार पटेल की जन्म जयंती है और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि। देश के लिए जीवन खपाने वाले लौह पुरुष वल्लभभाई पटेल ने आजादी के बाद अपने कौशल-दृढ़शक्ति के द्वारा देश को न सिर्फ बड़ी मुश्किलों से बचाया, बल्कि सैकड़ों राजे-रजवाड़े को भारत में मिलाया। ये सरदार साहब की दूरदृष्टि थी कि अंग्रेजों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया और देश को एक सूत्र में बांध दिया।
राष्ट्रीय एकता की शपथ
पीएम मोदी ने कहा, 'हमारा भारत विविधताओं का देश है। जब तक विविधता से खुद को जोड़ेंगे नहीं तो राष्ट्र निर्माण में उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। भारत दुनिया के आचार-विचार को अपने में समेटे हुए है। हमारा देश एक रहे, सरदार साहब ने देश को जो एक किया, सवा सौ करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है कि वो बनी रही। जब सरदार साहब की जयंती के 150 साल पर हम उन्हें क्या देंगे, इसका संकल्प लेना है। 2022 में आजादी के 75 साल हो रहे हैं, ऐसे में हर हिंदुस्तानी को संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहिए। ऐसा संकल्प जो देश की गरिमा को ऊपर ले जाना हो। ये समय की मांग है। मैं आपको राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ के लिए आमंत्रित करता हूं।