शशिकला ने दिखाये तेवर, कहा- एआईएडीएमके एक लौह किला है और इसे कोई हिला नहीं सकता

डीएन ब्यूरो

शशिकला और पनीरसेल्वन की लड़ाई एक दिलचस्प मोड़ लेती जा रही है, कौन- किस पर भारी पड़ेगा यह समय बतायेगा लेकिन दोनों तरफ से शह औऱ मात का खेल जारी है। कहा जा रहा है पनीरसेल्वम के खेमे को कुछ बाहरी शक्तियां भी पर्दे के पीछे से उकसा रही हैं।

एआईएडीएमके महासचिव शशिकला (फाइल फोटो)
एआईएडीएमके महासचिव शशिकला (फाइल फोटो)


चेन्नई: तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम के पक्ष में प्रदेश के नेताओं के बढ़ते समर्थन के बीच ऑल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वी.के.शशिकला ने शनिवार को राज्यपाल सी.विद्यासागर राव से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि उनका गुट कुछ समय संयम रखेगा और उसके बाद जो आवश्यक होगा किया जाएगा। प्रदेश के निजी टेलीविजन चैनल जया टीवी से शशिकला ने कहा कि वह लोकतंत्र तथा न्याय में विश्वास करती हैं और फिलहाल संयम बनाए रखेंगी।

उन्होंने कहा, "कुछ वक्त हम संयम रखेंगे। उसके बाद सब मिलकर वही करेंगे, जो करने की जरूरत है।"

महासचिव ने कहा कि एआईएडीएमके एक लौह किला है और इसे कोई हिला नहीं सकता।

उन्होंने कहा कि पार्टी के पास 1.5 करोड़ मतदाता हैं, और जो इसे विभाजित करने का प्रयास करेगा पार्टी उसे नहीं छोड़ेगी।

शशिकला ने यह भी कहा कि उनके लिए डरने की कोई बात नहीं है।

शशिकला की यह टिप्पणी राज्यपाल से समर्थक विधायकों के साथ मुलाकात का समय मांगने के बाद आई है।

राव को लिखे एक पत्र में शशिकला ने कहा है कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं, जिसे राज्यपाल मंजूर भी कर चुके हैं।

शशिकला ने पत्र में राव से कहा, "..स्थिति की गंभीरता के मद्देनजर, मैं अपने उन सभी विधायकों के साथ आपसे मिलने का समय मांगती हूं, जिन्होंने प्रदेश में नई सरकार के गठन के लिए मुझे अपना समर्थन दिया है।"

पत्र के मुताबिक, "मुझे विश्वास है कि संविधान की संप्रभुता, लोकतंत्र तथा प्रदेश के हितों को बचाने के लिए आप तत्काल कार्रवाई करेंगे।"

उल्लेखनीय है कि जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया है कि शशिकला के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उन्हें इस्तीफा देने के मजबूर किया गया। पिछले दिनों उन्होंने पार्टी की महासचिव शशिकला के खिलाफ बगावत कर दी।

इसके बाद एक राज्यमंत्री, पांच विधायक तथा एक सांसद, पार्टी के पुराने कार्यकर्ता, पूर्व विधायक तथा अन्य लोगों ने पन्नीरसेल्वम का समर्थन किया।

सत्ताधारी एआईएडीएमके दो गुटों में बंट चुकी है, जिसमें एक का नेतृत्व शशिकला तो दूसरे का नेतृत्व पन्नीरसेल्वम कर रहे हैं।

शशिकला ने राज्यपाल को खुद के विधायक दल की नेता चुने जाने तथा सरकार बनाने का दावा करने से संबंधित दस्तावेज भी सौंपा है। 
(आईएएनएस)

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