सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में प्रभावी ढंग से हिंसा को नियंत्रित किया: शीर्ष सैन्य कमांडर
सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया है और छद्म युद्ध के जरिए अपने ‘‘राजनीतिक लक्ष्यों’’ को पूरा करने की कोशिश करने वालों को करारा जवाब दे रही हैं। सेना के एक शीर्ष कमांडर ने शनिवार को यह जानकारी दी। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
जम्मू: सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया है और छद्म युद्ध के जरिए अपने ‘‘राजनीतिक लक्ष्यों’’ को पूरा करने की कोशिश करने वालों को करारा जवाब दे रही हैं। सेना के एक शीर्ष कमांडर ने शनिवार को यह जानकारी दी।
राजौरी में पूर्व सैनिक दिवस के मौके पर आयोजित एक रैली में उत्तरी कमान के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ’, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यह भी घोषणा की कि सेना कल्याण आवास संगठन (एडब्ल्यूएचओ) के शासी मंडल ने पूर्व सैनिकों के लिए एक आवास परियोजना को मंजूरी दे दी है और उनसे इसे सफल बनाने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘राजौरी वीरों की भूमि है और उसने पड़ोसी देश की साजिशों और नापाक मंसूबों को कभी सफल नहीं होने दिया। सुरक्षा एजेंसियों ने प्रभावी ढंग से हिंसा को नियंत्रित किया है और उन लोगों को करारा जवाब दिया जा रहा है, जो इस छद्म युद्ध के सहारे अपने राजनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
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लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने राजौरी में पूर्व सैनिक दिवस रैली के लिए प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में रह रहे पूर्व सैनिकों की समस्याओं का पता लगाना और प्रशासन की मदद से जल्द से जल्द उनका समाधान करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ जम्मू में एडब्ल्यूएचओ के शासी मंडल ने जम्मू-कश्मीर के हमारे पूर्व सैनिकों की ओर से लंबे समय से की जा रही मांग को पूरा करते हुए एक आवास परियोजना को मंजूरी दी है। आप इस परियोजना के लिए 15 जनवरी से 15 फरवरी तक अपने निवास प्रमाण पत्र के साथ आवेदन कर सकते हैं।’’
सैन्य कमांडर ने कहा कि प्रतिक्रिया मिलने के आधार पर भूमि अधिग्रहण किया जाएगा और परियोजना पर जल्द ही काम शुरू किया जायेगा।
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उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछले साल 23 दिसंबर को ‘वन रैंक वन पेंशन’ की योजना में संशोधन को मंजूरी दी थी, जिसमें एक जुलाई, 2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश में शहीद हुए हमारे जवानों के लिए अनुग्रह राशि को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की मांग को स्वीकार कर लिया है।’’