लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में देखिये भाजपा के कद्दावर नेता आडवाणी का सियासी सफर।
आडवाणी को सर्वोच्च सम्मान
भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। बता दें, 2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
कराची में जन्म-बने भारत के डिप्टी पीएम
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। आडवाणी देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उपप्रधानमंत्री रहे। इसके अलावा भारत के गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी रहे।
राम मंदिर के योद्धा
25 सितंबर 1990 को ऐतिहासिक दिनों में गिना जाता है। बता दें, इसी दिन लालकृष्ण आडवाणी की अगुवाई में "राम रथ यात्रा" सोमनाथ से अयोध्या के लिए निकली थी। वहीं, 23 अक्टूबर 1990 को बिहार के समस्तीपुर जिले में लालू सरकार ने आडवाणी को गिरफ्तार करवा दिया था। जिसके बाद देश का सियासी तापमान बढ़ गया था।
कभी नहीं हारे चुनाव
लालकृष्ण आडवाणी लंबे समय तक सांसद रहे। वह अपने राजनीतिक करियर में एक भी चुनाव नहीं हारे। बता दें कि आडवाणी 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़े और हर बार सांसद चुने गए।
भारत रत्न पाने वाले 50वें शख्स
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार लालकृष्ण आडवाणी 50वें शख्स हैं, जिन्हें भारत रत्न दिया जाएगा। वहीं, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को 23 जनवरी को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की गई थी।
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