लिवाली से सेंसेक्स पहली बार 66,000 अंक के ऊपर बंद, निफ्टी भी रिकॉर्ड स्तर पर

डीएन ब्यूरो

घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में भारी लिवाली तथा विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने से बीएसई सेंसेक्स पहली बार 66,000 अंक के ऊपर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

सेंसेक्स (फाइल)
सेंसेक्स (फाइल)


मुंबई: घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों में भारी लिवाली तथा विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने से बीएसई सेंसेक्स पहली बार 66,000 अंक के ऊपर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी से भी स्थानीय बाजार को समर्थन मिला।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 502.01 अंक यानी 0.77 प्रतिशत उछलकर अबतक के उच्चतम स्तर 66,060.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 600.9 अंक चढ़कर 66,159.79 अंक के रिकॉर्ड स्तर तक भी चला गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 150.75 अंक यानी 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ रिकॉर्ड 19,564.50 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 181.6 अंक उछलकर 19,595.35 अंक के उच्चतम स्तर तक भी चला गया था।

सेंसेक्स के समूह में शामिल शेयरों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज पांच प्रतिशत से अधिक और टेक महिंद्रा 4.51 प्रतिशत मजबूत हुए। इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टाटा स्टील, नेस्ले, एशियन पेंट्स, लार्सन एंड टुब्रो और हिंदुस्तान यूनिलीवर भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे।

दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, टाइटन, मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी और एक्सिस बैंक शामिल हैं।

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जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में महंगाई दर में नरमी से निवेशकों में यह भरोसा जगा है कि नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिये पर्याप्त होगी। संभावना बेहतर होने से पहली तिमाही के हल्के वित्तीय परिणामों के बावजूद आईटी कंपनियों के शेयरों में लिवाली देखने को मिली।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, लगातार तीसरे महीने थोक मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ एफआईआई का पूंजी निवेश जारी रहने से भी चौतरफा तेजी को समर्थन मिला।’’

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध मामलों के उप-प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा कि आईटी कंपनियों में अच्छी लिवाली होने से दोनों मानक सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के जुलाई के बाद नीतिगत दर में वृद्धि नहीं करने की उम्मीद बढ़ने से वैश्विक स्तर पर कायम सकारात्मक रुख से भी घरेलू बाजार को समर्थन मिला।

बीएसई स्मॉलकैप (छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक) 1.14 प्रतिशत जबकि मिडकैप (मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक) एक प्रतिशत मजबूत हुए।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा।

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यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में ज्यादातर में तेजी का रुख रहा। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को बढ़त में रहे थे।

इस बीच, खाद्य, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं के दाम में नरमी से थोक मुद्रास्फीति में जून में बड़ी गिरावट आई और यह शून्य से 4.12 प्रतिशत नीचे रही।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक बृहस्पतिवार को लिवाल रहे और उन्होंने 2,237.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.29 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

 










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