रायबरेली कोर्ट ने 12 साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में सुनाया फैसला, तीन दोषियों को मिली ये सजा
रायबरेली में युवक की हत्या के प्रयास के एक 12 साल पुराने मामले में दोषी पाए गए तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। साथ ही तीनों अभियुक्तों को 20- 20 हजार रुपये अर्थदंड भी किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायबरेली: युवक की हत्या के प्रयास के 12 साल पुराने मामले में दोषी पाए गए तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हुई है। साथ ही तीनों अभियुक्तों को 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई।
तीन दोषियों को सजा का ऐलान
डाइनामाइट न्यजू़ को शासकीय अधिवक्ता दिनेश श्रीवास्तव ने बताया सत्र न्यायालय ने मुकुट प्रताप सिंह पुत्र अमर बहादुर सिंह निवासी मोहल्ला गांधी नगर निकट मनिका टाकीज शहर रायबरेली, विनय प्रताप सिंह पुत्र विजय नारायन निवासी आजमी खेड़ा थाना बारा सगवर उन्नाव और अनिल दुबे पुत्र राम तीर्थ दुबे निवासी कसारा थाना संग्रामपुर जिला अमेठी को अपर सत्र न्यायाधीश प्रभात कुमार यादव ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर बीस बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
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पूरा घटनाक्रम
दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि 27 मार्च 2012 को साढ़े 6 बजे बृजेश कुमार सिंह निवासी पिंडारी खुर्द थाना महराजगंज का नाती अक्षय प्रताप सिंह अपने दोस्त आयुश के साथ मोटर साइकिल नम्बर यूपी 33क्यू 9824 से सर्वोदय नगर रेलवे क्रासिंग के पास पहुंचा। तभी मुख्य अभियुक्त मुकुट प्रताप सहित अन्य लोगों के साथ एक नाबालिग युवक ने अपनी मोटर साइकिलें लगाकर मोटर साइकिल से खींचकर उतार दिया और अक्षय के सीने में फायर कर दिया । चोटहिल जान बचाकर भागा तो उसे घेरकर कई गोलियां मारी जिससे उसे मरा समझ कर भाग गये।
आधा दर्जन गवाह हुए पेश
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मेडिकल रिपोर्ट में अक्षय के बीचोबीच सीने में गोली लगी साथ ही शरीर पर गंभीर चोटे आईं। गंभीर चोटों के कारण ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। शासकीय अधिवक्ता दिनेश श्रीवास्तव ने चोटिल समेत 6 गवाह पेश किए। चोटिल ने अपने बयान में बताया कि 15 दिन पूर्व किसी लड़की को लेकर विवाद हुआ था। उसी रंजिश में हत्या का प्रयास किया गया। चतुर्थ अभियुक्त अवयस्क होने के कारण उसका परीक्षण किशोर न्यायालय में चल रहा है।