सिद्धार्थनगर: उद्घाटन के चार साल बाद भी आईटीआई बीमार, छात्रों का भविष्य अधर में
सिद्धार्थनगर के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की जर्जर हालत और स्टाफ की कमी की वजह से परीक्षा देने वाले छात्रों को कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। पूरी खबर..
सिद्धार्थ नगर: जिले के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। शिलान्यास के चार साल होने के बाद भी अभी भी संस्थान में प्रिंसिपल की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इस संस्थान का उद्घाटन 21 दिसंबर 2013 को अखिलेश यादव ने किया था। कई असुविधाओं के कारण छात्रों को संस्थान के छ3त्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनका भविष्य अधर में लटकता दिख रही है।
यह भी पढ़ें |
सिद्धार्थनगर में 54.80 प्रतिशत मतदान, फर्जी वोटिंग की आशंका
डाइनामाइट न्यूज़ ने इस संस्थान का जायजा लिया तो कई खामियां सामने आयी। संस्थान में बिजली व्यवस्था भी बेहद ख़राब है। इस वजह से छात्रों को प्रैक्टिकल एग्जाम देने भी दिक्कत हो रही है।
यह भी पढ़ें |
सिद्वार्थनगर: दीक्षांत समारोह में 52 छात्रों को मिले गोल्ड मेडल
स्टाफ प्रभारी ने बातचीत में कहा कि वे खुद कई बार विभाग से इस मुद्दे को लेकर बात कर चुके है, लेकिन अभी तक विभाग ने इस मुद्दे पर कोई भी कार्यवाही नहीं की है। उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे को लेकर डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल के पास भी गए थे, लेकिन वे भी हमारी किसी भी तरह की मदद नहीं कर सके। हम स्टाफ के बिना किसी भी तरह की प्रैक्टिकल एग्जाम नहीं करा सकते है। विभाग बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।