Sikkim Flood: सिक्किम में लापता 62 लोग जीवित मिले, सेना के 9 जवानों के पार्थिव शरीर भी बरामद, मृतकों की संख्या बढ़कर 30 हो गई
सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वाले चार और लोगों के शव बरामद हुए, जिसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 30 हो गई, जबकि पिछले तीन दिन से लापता बताए गए 62 लोग जीवित मिले हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गंगटोक: सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वाले चार और लोगों के शव बरामद हुए, जिसके साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 30 हो गई, जबकि पिछले तीन दिन से लापता बताए गए 62 लोग जीवित मिले हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि लापता लोगों की संख्या घटकर अब 81 हो गई है, जिनके लिए तलाश अभियान जोरों पर है।
एसएसडीएमए ने कहा कि बुधवार तड़के बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के चलते राज्य के चार जिलों में 41,870 लोग प्रभावित हुए हैं, मंगन जिले को आपदा का सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा, जहां लगभग 30,300 लोग आपदा की चपेट में आ गए हैं।
अन्य तीन प्रभावित जिले गंगटोक, पाकयांग और नामची हैं।
तीस मौतों में से चार मंगन में, छह गंगटोक जिले में, 19 पाकयांग में और एक नामची में हुई। बुलेटिन में कहा गया है कि पाकयांग में मरने वाले 19 लोगों में सेना के नौ जवान भी शामिल हैं। तीन अक्टूबर को 23 सैनिक लापता हो गए थे और उनमें से एक को बचा लिया गया था।
सेना बाकी लापता कर्मियों की तलाश में जुटी है। इस काम में विशेष रडार, ड्रोन और सेना के कुत्तों को लगाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि उस दिन सेना के जो 39 वाहन लापता हो गए थे, उनमें से 15 अब तक कई फुट गहरे कीचड़ से बरामद कर लिये गए।
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केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्र ने बताया कि कृषि, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जल संसाधन, ऊर्जा और वित्त मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए रविवार से सिक्किम का दौरा करेगी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'जमीनी स्थिति का जायजा लेने, क्षति की सीमा का आकलन करने और आवश्यकतानुसार सहायता प्रदान करने के लिए टीम कल से सिक्किम का दौरा करेगी।'
मिश्र ने राज्य सरकार के अधिकारियों से कम से कम समय में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के कार्य को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार करने को कहा।
केंद्र सरकार ने अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए सिक्किम को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से 44.8 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी करने की मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने शनिवार को उत्तरी सिक्किम में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे का निरीक्षण किया।
उन्होंने जीआरईएफ, बीआरओ के प्रतिनिधियों और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ तुंग नागा ग्राम पंचायत इकाई के जिला और वार्ड सदस्यों के साथ एक बैठक की भी अध्यक्षता की।
तमांग ने आईटीआई चाडेय स्थित एक राहत शिविर का भी दौरा किया, जहां प्रभावित क्षेत्रों के 32 परिवारों को आश्रय दिया गया है।
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उन्होंने परिवार के सदस्यों को आपातकालीन उद्देश्यों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की। तमांग ने पहले मृतकों के परिवारों के लिए चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि और शिविरों में शरण लेने वाले सभी लोगों के लिए 2,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की थी।
अब तक, विभिन्न क्षेत्रों से 2,563 लोगों को बचाया गया है और 6,875 लोगों ने राज्य भर में स्थापित 30 राहत शिविरों में शरण ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में बाढ़ से 1,320 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और चार जिलों में 13 पुल बह गए।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सिक्किम के मंगन जिले के लाचेन और लाचुंग में अचानक आई बाढ़ के बाद फंसे 3,000 से अधिक पर्यटक सुरक्षित हैं। भारतीय वायुसेना ने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों द्वारा बचाव और राहत अभियान चलाने के कई प्रयास किए लेकिन खराब मौसम के कारण बागडोगरा के साथ-साथ चाटेन से भी उड़ान नहीं भरा जा सका।
स्थानीय प्रशासन के साथ सेना फंसे हुए पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भोजन, चिकित्सा सहायता और उपग्रह टर्मिनलों के माध्यम से टेलीफोन कनेक्टिविटी प्रदान करके सहायता प्रदान कर रही है।
अधिकारियों ने कहा कि टीमों ने विभिन्न होटलों में ठहरे सभी पर्यटकों का डेटा एकत्र किया है और उनमें से कुछ को सेना के शिविरों में ठहराया गया है।