सिक्किम बाढ़: फंसे हुए 105 लोगों की तलाश जारी, वायुसेना ने पर्यटकों को निकालना शुरू किया, 40 शव बरामद
सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है जबकि फंसे हुए 105 लोगों की तलाश जारी है। राज्य के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। वहीं, निकटवर्ती पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र के प्रशासन ने कहा कि तीस्ता नदी से अब तक 40 शव बरामद हुए हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
गंगटोक: सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है जबकि फंसे हुए 105 लोगों की तलाश जारी है। राज्य के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। वहीं, निकटवर्ती पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र के प्रशासन ने कहा कि तीस्ता नदी से अब तक 40 शव बरामद हुए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों ने हालांकि आगाह किया कि दोनों राज्यों द्वारा बताए गए आंकड़े में कुछ दोहराव हो सकता है।
मृतकों में सेना के 10 जवान भी शामिल हैं जबकि 105 लोगों की तलाश जारी है जो अब तक लापता हैं।
वायु सेना ने हिमालयी राज्य सिक्किम में बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है और लाचेन से उत्तरी सिक्किम के मंगन में फंसे हुए पर्यटकों के पहले जत्थे को विमान से सुरक्षित जगह पहुंचाया है।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सशस्त्र बलों के साथ समन्वित राहत और बचाव कार्यों के लिए मुख्य सचिव वीबी पाठक, गंगटोक पहुंचे थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
मुख्य सचिव पाठक ने सोमवार को अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) के सदस्यों के साथ एक और बैठक की और उन्हें बाढ़ से हुई तबाही के बारे में जानकारी दी।
सिक्किम के पाकयोंग जिले में सबसे अधिक 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें सेना के 10 जवान शामिल हैं। इसके बाद गंगटोक में छह, मंगन में चार और नामची में दो लोग मारे गए हैं।
मंगन जिले में ल्होनक झील पर बादल फटने के छह दिन बाद कुल 105 लोग लापता हैं। बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई, जिससे हिमालयी राज्य के चार जिलों में नदी बेसिन के कई शहरों में पानी भर गया।
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन के अनुसार, लापता लोगों में से 63 पाकयोंग से, 20 गंगटोक से, 16 मंगन से और छह नामची से हैं।
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कच्चे और पक्के दोनों तरह के 3,432 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुल 5,327 लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। कुल 14 पुल या तो बह गए या जलमग्न हो गए, जिससे राज्य में सड़क संपर्क प्रभावित हुआ है।
अचानक आई बाढ़ से कुल 6,505 लोग बेघर हो गए हैं और उन्होंने चार जिलों में 26 राहत शिविरों में शरण ली है। अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 85,870 थी।
इस बीच, मुख्यमंत्री तमांग ने अपने आधिकारिक आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जहां उन्होंने मुख्य सचिव वीबी पाठक, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और अन्य अधिकारियों के साथ चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
एक अधिकारी ने बताया कि बैठक रक्षा बलों के साथ मिलकर, फंसे हुए लोगों को तेजी से बचाने के उपायों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।
एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने सिक्किम में मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान शुरू कर दिया है और लाचेन से मंगन तक फंसे पर्यटकों के पहले जत्थे को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित जगह पहुंचाया है।
वायु सेना ने लाचेन तक आपातकालीन सेवा कर्मियों के साथ साथ आवश्यक साजो सामान भी पहुंचाया।
पहले जत्थे में बचाए गए पर्यटकों की कुल संख्या तुरंत ज्ञात नहीं है, लेकिन अभियान में इस्तेमाल किए गए एमआई-17 हेलीकॉप्टर की क्षमता 25-30 लोगों को ले जाने की है।
एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को 77 पर्यटकों को एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर से लाचुंग से पाकयोंग हवाई अड्डे तक पहुंचाया गया और उन्हें पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक परिवहन के लिए एक बस उपलब्ध कराई गई।
रक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘वायुसेना दिवस पर वायुसेना ने सिक्किम के बाढ़ पीड़ितों के लिए वायु सेना अड्डा बागडोगरा से मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान शुरू किया।’’
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उन्होंने कहा कि वायु सेना ने रविवार से चिनूक और एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टरों द्वारा गरुड़ कमांडो, संचार उपकरण, ईंधन, दवाएं, खोज और बचाव उपकरण राज्य में पहुंचाना शुरू कर दिया है।
अधिकारी ने कहा कि पूर्वी वायु कमान मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों का समन्वय कर रही है। उन्होंने कहा कि वायुसेना बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जिसने इस छोटे से हिमालयी राज्य को तबाह कर दिया है।
सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘अभियान का फोकस चुंगथांग के माध्यम से उत्तरी सिक्किम के साथ संपर्क बहाल करने पर है, जो विनाशकारी बाढ़ के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। भारतीय सेना के जवानों ने कठिन भूभाग से होते हुए एक चुनौतीपूर्ण अभियान चलाया और वे चुंगथांग के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक सुदूरवर्ती राबोम गांव पहुंच गए हैं और 150-200 नागरिकों का बचाव कार्य जारी है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘उत्तरी सिक्किम के चातेन, लाचेन, लाचुंग और थंगु इलाकों में सभी स्थानीय एवं पर्यटकों का पता लगाया गया है। 63 विदेशी नागरिकों समेत 2,000 पर्यटकों की सूची तैयार की गई है और उन्हें मदद पहुंचाई जा रही है। मौमस में सुधार होने पर नौ अक्टूबर को पर्यटकों की हवाई निकासी शुरू हो गई।’’
मौसम विभाग ने सोमवार को अगले पांच दिनों में उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कई स्थानों पर गरज और बिजली कड़कने के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है।
इस बीच आईएमसीटी टीम के साथ अपनी बैठक में पाठक ने उनसे केंद्र को अपनी सिफारिशें भेजते समय सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया, जिसमें महत्वपूर्ण स्थानों पर अस्थायी झूला पुल जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए मानदंडों में विशेष छूट की मांग की गई है।
आईएमसीटी टीम बरदंग, गोलितर, सिंगतम और डिकचू इलाकों में सोमवार को और उत्तरी सिक्किम में मंगन, नगा एवं चुंगथांग में मंगलवार को दौरा करने वाली है।