मादक पदार्थों की तस्करी के लिये इन पसंदीदा तरीकों को अपना रहे तस्कर, जानिये पांच वर्षों में भारत की स्थिति

डीएन ब्यूरो

संयुक्त राष्ट्र की स्वापक निगरानी संस्था (आईएनसीबी) ने कहा है कि यद्यपि डार्कनेट और समुद्री मार्ग मादक पदार्थों की तस्करी के पसंदीदा तरीकों के रूप में उभर रहे हैं, लेकिन भारत में पिछले पांच वर्षों में मादक पदार्थों की बरामदगी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

आईएनसीबी
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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र की स्वापक निगरानी संस्था ‘अंतरराष्ट्रीय स्वापक नियंत्रण बोर्ड’ (आईएनसीबी) ने कहा है कि यद्यपि डार्कनेट और समुद्री मार्ग मादक पदार्थों की तस्करी के पसंदीदा तरीकों के रूप में उभर रहे हैं, लेकिन भारत में पिछले पांच वर्षों में मादक पदार्थों की बरामदगी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बोर्ड ने जारी 2022 की अपनी सालाना रिपोर्ट में बड़ी मात्रा में सिंथेटिक मादक पदार्थों के अवैध निर्माण से निपटने के लिए भारत के ‘‘सकारात्मक नियमन’’ का भी संज्ञान लिया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यद्यपि डार्कनेट और समुद्री मार्ग मादक पदार्थों की तस्करी के पसंदीदा तरीकों के रूप में उभर रहे हैं, लेकिन भारत में पिछले पांच वर्षों में मादक पदार्थों की बरामदगी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

भारत के स्वापक नियंत्रण बोर्ड (एनसीबी) की ओर से दी गयी जानकारियों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017-2022 की अवधि में हेरोइन बरामदगी 2017 के 2,146 किलोग्राम से बढ़कर 2021 में 7,282 किलोग्राम हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार, अफीम की जब्ती में भी 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है और यह आंकड़ा 2017 के 2,551 किलोग्राम से 2021 में 4,386 किलोग्राम पर पहुंच गया है। रिपोर्ट बताती है कि भांग की बरामदगी में 90 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गयी है और 2017 के 3,52,539 किलोग्राम के आंकड़े से बढ़कर यह 2021 में 6,75,631 किलोग्राम तक पहुंच गयी है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बंदरगाह के अधिकारियों ने शिपिंग कंटेनर से भारी मात्रा में हेरोइन की बरामदगी की सूचना दी है, जिसमें सितंबर 2021 में गुजरात से बरामद लगभग तीन टन हेरोइन शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, “इससे पता चलता है कि दक्षिणी मार्ग और अरब सागर के जरिये मादक पदार्थों की तस्करी का विस्तार हुआ है।’’

भारत ने बताया है कि 2021 में एशिया से 364 किलोग्राम कोकीन जब्त की गयी।

मार्च 2022 में, कोलंबो बंदरगाह पर श्रीलंका सीमा शुल्क ने एक कंटेनर से 350 किलोग्राम कोकीन बरामद की थी, जो पनामा से बेल्जियम और दुबई के रास्ते आई और यह मादक पदार्थ की खेप भारत के लिए थी।

एशिया के नौ देशों ने 2020 में कुल 1.2 टन ट्रामाडोल जब्त किये जाने की सूचना दी है। इसमें से अधिकांश मात्रा भारत में जब्त की गयी। रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2020 में 144 किलोग्राम ट्रामाडोल जब्त किया और दक्षिण एशिया के अन्य देशों ने संयुक्त रूप से 70 किलोग्राम की बरामदगी की सूचना दी थी।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत में जब्ती अभियान से ट्रामाडोल एवं अन्य मादक पदार्थों की तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को ध्वस्त करने में सहायता मिली है।’’

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इसमें आगे कहा गया है कि फार्मास्यूटिकल ओपिओइड और अवैध रूप से उत्पादित मेथामफेटामाइन, एमडीएमए और केटामाइन जैसी सिंथेटिक दवाओं की वैश्विक मांग बढ़ने के साथ ही अवैध निर्माण और तस्करी करने वाले संगठनों से उनकी वैश्विक गतिविधियों में वृद्धि होने की उम्मीद है।

भाषा सुरेश मनीषा

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