राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, निपाह वायरस की पुष्टि के बाद केरल पहुंचेगा एनआईवी का दल
पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) का दल निपाह वायरस की जांच और चमगादड़ों का सर्वेक्षण करने के लिये कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में एक चलित प्रयोगशाला स्थापित करने के लिये बुधवार को केरल पहुंचेगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
तिरुवनंतपुरम: पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) का दल निपाह वायरस की जांच और चमगादड़ों का सर्वेक्षण करने के लिये कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में एक चलित प्रयोगशाला स्थापित करने के लिये बुधवार को केरल पहुंचेगा।
सरकार द्वारा यह कदम कोझिकोड जिले में चार लोगों में निपाह संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उठाया गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विधानसभा में निपाह संक्रमण के संबंध में एक सवाल के जवाब में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि प्रदेश में जिस वारयस की पुष्टि हुई है वह बांग्लादेशी वैरियंट है, जो मानव से मानव में फैलता है। उन्होंने बताया कि इसकी मृत्यु दर अधिक है लेकिन यह कम संक्रामक है।
जॉर्ज ने आगे कहा कि पुणे स्थित एनआईवी के दल के अलावा, महामारी विशेषज्ञों का एक समूह सर्वेक्षण के लिये आज चेन्नई से केरल पहुंचेगा। इसके अलावा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने निपाह रोगियों के इलाज के लिए आवश्यक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के इस्तेमाल पर सहमति व्यक्त की है।
स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज निपाह वायरस से निपटने के लिए किए गए उपायों के संबंध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) विधायक पी. बालचंद्रन के एक सवाल का जवाब दे रही थीं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस के प्रसार को रोकने के लिये कई आवश्यक कदम उठाए गये हैं।
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सदन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने निपाह के संबंध में नये उपचार प्रोटोकॉल की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
सतीशन ने कहा कि केंद्र सरकार के ऐसा करने के बाद भी राज्य सरकार निपाह संक्रमण की घोषणा करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को वायरस से निपटने के लिये उचित प्रशिक्षण प्रदान नहीं किया गया था और भविष्य में इसका प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिये बीमारी और इसके प्रसार के संबंध में कोई आंकड़ा एकत्र नहीं किया जा रहा था।
जॉर्ज ने कहा कि राज्य में निपाह का परीक्षण और पुष्टि करने के लिये दो प्रयोगशालाएं - थोन्नक्कल में उन्नत विषाणु विज्ञान संस्थान और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज हैं, लेकिन उनके पास इसकी घोषणा करने की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा, 'यह अनुमति केवल एनआईवी, पुणे के पास है। हम यहां दो प्रयोगशालाओं में निपाह घोषित करने की अनुमति प्राप्त करने के लिए कदम उठा रहे हैं।'
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने थोन्नक्कल में इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड वायरोलॉजी और इसकी क्षमताओं की सराहना की और कहा कि इसकी जांच की जाएगी कि नमूने परीक्षण के लिए वहां क्यों नहीं भेजे गए।
जॉर्ज ने यह भी कहा कि उपचार प्रोटोकॉल पहली बार 2018 में निपाह प्रकोप के दौरान जारी किए गए थे, और बाद में 2021 में इसमें सुधार किया गया और वर्तमान में भी इसका पालन किया जा रहा है।
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कोझिकोड जिले के सात ग्राम पंचायतों अतांचेरी, मारुथोंकारा, तिरुवल्लुर, कुट्टियाडी, कयाक्कोडी, विल्यापल्ली और कविलुम्परा को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है।
जिले में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री विजयन ने लोगों से नहीं घबराने और एहतियात बरतने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा था, ‘‘सभी को स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के निर्देशों पर सख्ती से अमल करना चाहिए और प्रतिबंधों के पालन में पूरा सहयोग करना चाहिए।’’
जिले में वायरस से संक्रमित मरीजों में नौ वर्ष का बच्चा भी शामिल है।
वायरस से संक्रमित जिस पहले व्यक्ति की 30 अगस्त को मौत हुई थी, शुरू में उसकी मृत्यु का कारण लिवर सिरोसिस माना गया था, लेकिन अब उसके नौ वर्षीय पुत्र और 24 वर्षीय रिश्तेदार में मंगलवार को हुई जांच में निपाह वायरस के संक्रमण की पष्टि हुई है। व्यक्ति का बेटा पहले से ही आईसीयू में है।