SSC पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग, 72 घंटे से छात्रों का दिल्ली में जबरदस्त प्रदर्शन, सरकार गहरी नींद में
एसएससी परीक्षा पास कर शानदार सरकारी नौकरी का सपना देखने वाले देश के हजारों युवक पिछले तीन दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उग्र प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं। छात्रों ने एसएससी पर उनका भविष्य चौपट करने और व्यापम जैसे बड़े परीक्षा घोटाले को अंजाम देने का बड़ा आरोप लगाया है। पूरी खबर..
नई दिल्ली: देश भर के छात्रों में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के रवैये को लेकर भारी गुस्सा है। कड़ी मेहनत के बूते पर नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले हजारों छात्रों का कहना है कि आयोग की लापरवाही के कारण उनका सपना चकनाचूर हो रहा है और अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं।
गुरुवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी छात्रों से डाइनामाइट न्यूज़ ने प्रदर्शन स्थल पर बातचीत की। छात्रों ने बताया कि परीक्षा आनलाइन देश के अलग-अलग केन्द्रों पर 17 से 22 फरवरी के बीच करायी गयी, जब वे परीक्षा देकर निकले तो पता चला कि परीक्षा का पर्चा तो सोशल मीडिया पर पहले ही लीक हो चुका है।
छात्र-छात्राओं की मांग है कि आयोग द्वारा 21 फरवरी को आयोजित कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) 2017 टियर टू परीक्षा में कथित धांधली की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करवाई जाये। छात्रों ने एसएससी परीक्षा मे हुई धांधली को लेकर सरकार और आयोग के खिलाफ जबरदस्त हमला बोला।
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लीककांड से नाराज छात्रों ने हजारों की तादाद में दिल्ली में लोदी रोड पर आयोग के दफ्तर के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन कर रखा है। पिछले तीन दिनों से यह प्रदर्शन जारी है। छात्रों का आरोप है कि एसएससी खुद ही परीक्षाओं में धांधली करा रहा है और कुछ खास छात्रों व लोगों को फायदा पहुंचाने की साजिश रच रहा है।
एसएससी पर परीक्षाओं में बड़ा घोटाला कराने का आरोप लगाते हुए छात्रों का कहना है कि आयोग उनका भविष्य चौपट करने में जुटा है। छात्रों का कहना है कि जांच कराने पर एसएससी का यह घोटाला व्यापम घोटाले से कहीं बड़ा साबित होगा। छात्रों का कहना है कि उन्होंने अपनी शिकायत संबंधित विभाग को भेज दी है, परन्तु एसएससी की ओर से कोई भी सकरात्मक जवाब नहीं मिला है, जिससे एसएससी की मंशा पर कई सवाल खड़े हो गये है। दिल्ली में प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग है कि एसएससी दोबारा से परीक्षा करायी जाए और पूरे मामले की सीबीआई जांच हो।
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छात्रों ने इस मुद्दे पर राज्य व केन्द्र सरकार की उदासीनता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हमने चुनावों मे बीजेपी को वोट दिया था, परन्तु सरकार की ओर से भी कोई संतोषजनक कार्यवाही का आश्वासन हमें नहीं मिला है। छात्रों ने एक स्वर में कहा कि यदि हम सरकार बनवा सकते हैं तो, सरकार को गिरवा भी सकते है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार केन्द्र सरकार क्यों छात्रों के आंदोलन को गंभीरता से नही ले रही है?