सुप्रीम कोर्ट ने शहरी निकाय चुनाव रद्द करने की अधिसूचना पर सुनाया ये फैसला
उच्चतम न्यायालय ने नगालैंड में शहरी निकाय चुनाव कार्यक्रम रद्द करने संबंधी 30 मार्च की अधिसूचना पर रोक लगा दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने नगालैंड में शहरी निकाय चुनाव कार्यक्रम रद्द करने संबंधी 30 मार्च की अधिसूचना पर रोक लगा दी।
इस अधिसूचना में अगले आदेश तक चुनाव रद्द किया गया था, जोकि लगभग दो दशक बाद 16 मई को प्रस्तावित थे।
आदिवासी और सामाजिक संगठनों के दबाव के बाद नगालैंड विधानसभा ने चुनाव नहीं कराने का संकल्प लेते हुए नगरपालिका अधिनियम को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया था।
तीस मार्च को, राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें नगालैंड नगरपालिका अधिनियम,2001 निरस्त होने के मद्देनजर ‘‘अगले आदेश तक’’ पूर्व में अधिसूचित चुनाव कार्यक्रम को रद्द कर दिया था।
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नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय ने 14 मार्च के अपने आदेश में कहा था कि एसईसी के वकील ने कहा है कि चुनाव 16 मई को होंगे।
इसने निर्देश दिया था कि कार्यक्रम में अब बदलाव नहीं किया जाएगा और चुनाव प्रक्रिया तय कार्यक्रम के अनुसार संपन्न होगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति ए. अमानुल्लाह की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया गया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि चुनाव रद्द कर दिए गए हैं।
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पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस अदालत के 14 मार्च, 2023 के आदेश में यह स्पष्ट किया गया था कि निर्वाचन आयोग या राज्य सरकार द्वारा अब स्थानीय चुनाव कार्यक्रम में बदलाव करने का कोई भी प्रयास अदालत के आदेशों का उल्लंघन होगा। निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग दोनों को नोटिस जारी किया जाए।’’
पीठ ने कहा, ‘‘इस बीच, चुनाव कार्यक्रम रद्द करने के 30 मार्च, 2023 के आदेश पर रोक लगाई जाती है।’’