जानिये, लॉकडाउन में श्रमिकों की सैलरी काटने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
देश में कोरोना महामारी के चलते 24 मार्च से लेकर 31 मई तक के लॉकडाउन में श्रमिकों सैलरी और कई लोगों का रोजगार जाने के मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जानिये, क्या हुआ आगे
नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी के चलते 24 मार्च से लेकर 31 मई तक लॉकाडाउन की घोषणा की गयी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां जाने और कंपिनियों द्वारा श्रमिकों की सैलरी का उचित भुगतान न करने के मामले सामने आये। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुरूवार को सुनावई करते हुए सरकार से चार हफ्ते के अंदर विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा है।
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Justice Bhushan says,' We directed no coercive action to be taken against employers.Our earlier orders will continue.A detailed affidavit has to be filed by Centre in last week of July.Negotiation b/w employees&employers to be facilitated by State Government labour departments'. https://t.co/rWEt0HWisi
— ANI (@ANI) June 12, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार से 4 हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक किसी उद्योग पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। केंद्र सरकार ने अपने एक आदेश में उद्योगों को 54 दिन की सैलरी देने का आदेश दिया था। लेकिन इसके खिलाफ कुछ उद्योग संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
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देश में लॉकडाउन के इस दौरान कई लोगों की नौकरियां जाने और कई लोगों को पूरी सैलरी न मिलने के मामले सामने आने को लेकर याचिका दायर की गयी थी। पिछली सुनवाई पर उद्योगों ने अपने जबाव में कहा था कि लॉकडाउन की वजह से उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ा है, ऐसे में उन्हें सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए।