सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के 7 न्यायाधीशों का वेतन जारी करने का दिया आदेश, जानें क्या है पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पटना उच्च न्यायालय के उन सात न्यायाधीशों का वेतन जारी करने का आदेश दिया, जिनके सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खातों को उनकी जीपीएफ पात्रता पर विवाद के मद्देनजर बंद कर दिया गया था। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पटना उच्च न्यायालय के उन सात न्यायाधीशों का वेतन जारी करने का आदेश दिया, जिनके सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खातों को उनकी जीपीएफ पात्रता पर विवाद के मद्देनजर बंद कर दिया गया था।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने स्थिति पर गौर किया और कहा कि ‘‘अंतरिम उपाय’’ के रूप में, उसने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन को 13 दिसंबर 2022 से पहले की स्थिति के अनुसार जारी करने का आदेश दिया है, जब केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने जीपीएफ की उनकी पात्रता का मुद्दा उठाया था।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अभी वेतन जारी किया जाना है। हम निर्देश देते हैं कि न्यायाधीशों का वेतन, जो रोक दिया गया है, उन्हें केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के 13 दिसंबर, 2022 के पत्र से पहले की स्थिति के आधार पर जारी किया जाएगा।’’

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शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि वह ‘‘अंतरिम उपाय’’ के रूप में आदेश पारित कर रही है और कहा, ‘‘इसे अधिकारों और पक्षों की दलीलों पर प्रतिकूल प्रभाव के रूप में नहीं माना जाएगा।’’

यह आरोप लगाया गया है कि जिला न्यायपालिका से पदोन्नत किए गए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बढ़े हुए जीपीएफ के हकदार नहीं थे। पीठ ने कहा कि वह 27 मार्च को याचिका पर सुनवाई करेगी और फैसला करेगी।

शीर्ष अदालत ने 24 फरवरी को केंद्र से पटना उच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों की शिकायतों पर गौर करने को कहा था, जिन्होंने दावा किया था कि उनके जीपीएफ खाते बंद कर दिए गए हैं।

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याचिका पटना उच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति शैलेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा, न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार, न्यायमूर्ति आलोक कुमार, न्यायमूर्ति सुनील दत्ता मिश्रा, न्यायमूर्ति चंद्र प्रकाश सिंह और न्यायमूर्ति चंद्र शेखर झा द्वारा दायर की गई थी।










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