सुप्रीम कोर्ट ने अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर उनसे जवाब मांगा
उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव को मिली जमानत को चुनौती देने वाली एक याचिका पर शुक्रवार को उनसे जवाब मांगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के एक मामले में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव को मिली जमानत को चुनौती देने वाली एक याचिका पर शुक्रवार को उनसे जवाब मांगा।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की पोर्ट ब्लेयर स्थित सर्किट पीठ ने दुष्कर्म के आरोपी पूर्व मुख्य सचिव जितेन्द्र नारायण को 20 फरवरी को जमानत दी थी। दुष्कर्म की कथित पीड़िता ने शीर्ष अदालत में इस आदेश को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने संबंधित याचिका पर आरोपी जितेंद्र नारायण को नोटिस जारी किया।
शीर्ष अदालत ने, हालांकि, पोर्ट ब्लेयर सर्किट पीठ के जमानत आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि 21 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि सरकारी नौकरी का झांसा देकर उसे तत्कालीन मुख्य सचिव के आवास पर ले जाया गया, जहां नारायण और अन्य लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया।
प्राथमिकी एक अक्टूबर, 2022 को दर्ज की गई थी, उस वक्त नारायण दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में तैनात थे। इस विवाद के बाद केंद्र ने उन्हें 17 अक्टूबर, 2022 को निलंबित कर दिया था।
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शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान, युवती के वकील ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्य सचिव को मामले में उपयुक्त विचार किये बगैर जमानत दे दी।