कैथोलिक बिशप संस्था ने गिरजाघर संचालित शिक्षण संस्थानों पर हमलों को लेकर कही ये बात
कैथोलिक पादरियों की शीर्ष संस्था केरल कैथोलिक बिशप परिषद (केसीबीसी) ने राज्य में गिरजाघर संचालित शैक्षणिक संस्थानों पर कथित हमलों को लेकर चिंता जताई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोच्चि: कैथोलिक पादरियों की शीर्ष संस्था केरल कैथोलिक बिशप परिषद (केसीबीसी) ने राज्य में गिरजाघर संचालित शैक्षणिक संस्थानों पर कथित हमलों को लेकर चिंता जताई है।
केसीबीसी ने राज्य सरकार से ऐसे संस्थानों को तत्काल समुचित संरक्षण उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है।
बिशप संस्था ने कोट्टायम जिले के पास गिरजाघर द्वारा संचालित एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एक छात्रा द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या किए जाने की घटना के बाद उपजे तनाव के मद्देनजर यह चिंता प्रकट की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केसीबीसी ने एक बयान में कहा कि वह छात्रा के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है और घटना को लेकर कॉलेज परिसर में मौजूद ‘‘सुनियोजित’’ तनाव से व्यथित है।
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केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल बेसलियोस क्लीमिस ने कहा कि गिरजाघर इस घटना की निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने में पूरा सहयोग करेगा।
बयान में कहा गया है कि केसीबीसी ने सरकार से कॉलेज को आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध कराने और वहां छात्रों के लिए शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने की अपील की है।
छात्रों के एक समूह ने कांजिरापल्ली में दूसरे वर्ष की एक छात्रा की कथित आत्महत्या के बाद गिरजाघर द्वारा संचालित कॉलेज के प्रबंधन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था। उन्होंने प्रबंधन पर संस्था को अस्थायी रूप से बंद करके इस मुद्दे को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
एर्णाकुलम निवासी श्रद्धा सतीश दो जून को अपने छात्रावास के कमरे में फांसी के फंदे से लटकी पाई गई थी।
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छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने प्रबंधन के कहने पर उनके खिलाफ अनावश्यक बल प्रयोग किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ शिक्षक श्रद्धा को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), केरल स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) समेत अलग-अलग छात्र संगठनों ने कांजिरापल्ली में निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रा की कथित आत्महत्या के विरोध में प्रदर्शन मार्च निकाला था।
कॉलेज प्रबंधन ने हालांकि, कहा था कि वह नहीं जानता कि छात्रा ने आत्महत्या का कदम क्यों उठाया।