चर्च निकाय ने ईसाइयों को गलत परिप्रेक्ष्य में पेश करने वाले नाटक को लेकर की ये मांग

डीएन ब्यूरो

केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने राज्य सरकार से एक मलयालम नाटक के मंचन पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है और आरोप लगाया है कि इस नाटक में ईसाई धर्म को खराब परिप्रेक्ष्य में दिखाया गया है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल
केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल


कोच्चि: केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने राज्य सरकार से एक मलयालम नाटक के मंचन पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है और आरोप लगाया है कि इस नाटक में ईसाई धर्म को खराब परिप्रेक्ष्य में दिखाया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्य में कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च निकाय केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल बेसेलियोस क्लेमिस की अध्यक्षता में बिशप और धर्म प्रमुखों की हाल ही में हुई एक बैठक में 'कक्कुकली' नाटक की निंदा की गई है और कहा गया है कि इसका मंचन केरल की संस्कृति पर एक धब्बा है।

मलयालम लेखक फ्रांसिस नोरोन्हा की कहानी पर आधारित एक नाटक, 'कक्कुकली' एक युवा नन और उसके उन संघर्षों एवं चुनौतियों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनका सामना उसने कॉन्वेंट में किया था।

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अलप्पुझा स्थित नेथल नाटक संघम ने जॉब मदाथिल के निर्देशन में इस कहानी को एक मंचीय रूप दिया।

बैठक में केसीबीसी के प्रतिनिधियों ने कहा कि नाटक और साहित्यिक कृतियों का सुधार, परिवर्तन और सामाजिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करने का इतिहास रहा है।

शीर्ष निकाय ने एक बयान में कहा, लेकिन अत्यधिक अपमानजनक सामग्री और इतिहास की विकृति के साथ महिमामंडन अस्वीकार्य है।

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कैथोलिक निकाय ने सांस्कृतिक समाज से भी नाटक की निंदा करने का आग्रह किया और सरकार से इसके मंचन पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।

हालांकि, नाटक के निर्देशक जॉब मैडाथिल ने आलोचनाओं को खारिज कर दिया है और कहा है कि मंडली इसका मंचन करती रहेगी। उन्होंने कहा, 'पंद्रह जगहों पर नाटक का मंचन हो चुका था और मुझे समझ नहीं आया कि अब अचानक से विरोध क्यों शुरू हो गया।'

 










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