सरकार ने वन्यजीव संरक्षण से जुड़े इन दो प्रमुख कोषों को मिलाकर किया एक, जानिये पूरा अपडेट
भारत सरकार ने वन्यजीव संरक्षण से जुड़े दो प्रमुख कोषों... प्रोजेक्टर टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट (बाघ और हाथियों के संरक्षण).. को साझा कोष बना दिया है और इस वित्त वर्ष से राज्यों को एक साझा वार्षिक योजना भेजी जाएगी। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार
नयी दिल्ली:भारत सरकार ने वन्यजीव संरक्षण से जुड़े दो प्रमुख कोषों... प्रोजेक्टर टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट (बाघ और हाथियों के संरक्षण).. को साझा कोष बना दिया है और इस वित्त वर्ष से राज्यों को एक साझा वार्षिक योजना भेजी जाएगी। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भारत इस साल प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल और प्रोजेक्ट एलिफेंट के 30 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है।
उन्होंने कहा, हालांकि, प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट के लिए प्रशासनिक ढांचा पुराना ही रहेगा। सिर्फ धन साझा मद में मुहैया कराया जाएगा। पुराने दो मदों और दो योजनाओं के स्थान पर इस वित्त वर्षा से अब एक ही वार्षिक योजना होगी।
पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस फैसले से प्रभावी एकीकरण और संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग हो सकेगा, मदो में धन जारी करने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी, समय की बचत होगी और दुहराव से बचा जा सकेगा।
अधिकारियों में से एक ने पीटीआई/भाषा को बताया, ‘‘दोनों योजनाओं के तहत 80 प्रतिशत मद समान हैं। एक ही प्राकृतिक आवास में बाघों और हाथियों की मौजूदगी के कारण ‘ओवरलैपिंग’ हो जाती है।’’
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एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘‘वर्तमान में प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलिफेंट को लेकर एक ही इलाके के लिए राज्यों को दो वार्षिक योजनाएं भेजी जा रही हैं। ऐसे में ‘ओवरलैपिंग’ की संभावना रहती है। अब, सिर्फ एक वार्षिक योजना होगी। लेकिन दोनों योजनाओं के लिए प्रशासनिक ढांचा पूर्ववत ही रहेगा। सिर्फ कोष को साझा किया गया है।’’
पूर्ववर्ती योजना आयोग ने भी केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित तीन योजनाओं... प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफेंट और वन्यजीव प्राकृतिक आवास विकास.. का आपस में विलय करने का सुझाव 2011 में दिया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रोजेक्ट एलिफेंट के 30 सफल वर्षों के जश्न में सात अप्रैल को असम के कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ‘गज उत्सव’ का उद्घाटन करेंगी।
भारत ने 1991-92 में प्रोजेक्ट एलिफेंट शुरू किया था। केन्द्र द्वारा प्रायोजित इस योजना का लक्ष्य हाथियों, उनके आवास और गलियारों की सुरक्षा करना, हाथियों और मनुष्यों के बीच के संघर्ष को रोकना और भारत में जंगलों से बाहर रखे गए हाथियों का कल्याण सुनिश्चित करना शामिल है।
दुनिया के जंगली हाथियों की करीब 60 फीसदी आबादी भारत में रहती है। भारत में हाथियों का आवास मुख्य रूप से दक्षिणी और उत्तरी-पश्चिमी भारत, पूर्वी-मध्य तथा उत्तरी क्षेत्र है।
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वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर्नाटक के मैसूरू में नौ अप्रैल को बाघों की आबादी का ताजा आंकड़ा जारी करेंगे।
प्रधानमंत्री ‘अमृत काल’ में बाघों के संरक्षण पर सरकार के दृष्टिकोण के बारे में बताएंगे और एक स्मारक सिक्के का अनावरण करेंगे।
भारत ने प्रोजेक्ट टाइगर एक अप्रैल, 1973 को शुरू किया था।