महादयी जल विवाद पर गोवा विधानसभा के रुख के समर्थन में सामने आये राज्यपाल
गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि राज्यपाल के तौर पर उनकी कुछ सीमाएं हैं और वह राजनेता नहीं हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
पणजी, 15 मार्च (भाषा) गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि राज्यपाल के तौर पर उनकी कुछ सीमाएं हैं और वह राजनेता नहीं हैं।
दरअसल, दो महीने पहले विपक्ष ने महादयी नदी के जलमार्ग में बदलाव के संबंध में कोई बयान नहीं देने को लेकर विधानसभा में राज्यपाल के संबोधन को बाधित किया था, जिस पर चुप्पी तोड़ते हुए पिल्लई ने यह बात कही।
पिल्लई ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विधानसभा के रुख का समर्थन करते हैं।
महादयी जल बंटवारे को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच कई वर्षों से विवाद है। गोवा अक्सर कर्नाटक पर समझौते की अनदेखी कर मामले में एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाता है।
यह भी पढ़ें |
गोवा: विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण बाधित किया, सदन से बाहर निकाला गया
राज्यपाल ने 16 जनवरी 2023 को विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान महादयी मुद्दे पर कोई बयान देने से परहेज किया था, जिसके कारण विपक्षी सदस्य सदन के आसन के समीप आ गए थे।
राज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने वाले विपक्षी सदस्यों को बाद में सदन से बाहर कर दिया गया था।
पिल्लई ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि विधानसभा को संबोधित करना “सामान्य रूप से नीतिगत घोषणा और सरकार के प्रस्तावों से संबंधित है।”
उन्होंने कहा, “(महादयी) विवाद अदालत के समक्ष लंबित है। एक राज्यपाल के रूप में (जब सदन के पटल पर अभिभाषण की बात आती है तो) मेरी कुछ सीमाएं होती हैं।
यह भी पढ़ें |
Goa: आदिवासियों के आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कही यह बात
पिल्लई ने कहा कि एक राज्यपाल के रूप में वह इस मुद्दे पर जारी आंदोलन और “मजबूत मांगों” के बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, “राज्य की मांग सरकार के संकल्प और नीति में परिलक्षित होती है। मैंने उसे अपना पूरा समर्थन दिया है और घोषणा की है कि यह एक वास्तविक मुद्दा है।”
भाषा जोहेब पारुल
पारुल