DN Exclusive: केन्द्रीय प्रवेक्षण टीम के स्थलीय सत्यापन से हड़कम्प, रिपोर्ट से थम सकता है ग्राम पंचायतों में विकास का पहिया, जानिये पूरा मामला
भारत सरकार के केन्द्रीय प्रवेक्षण टीम द्वारा ग्राम पंचायतों में केन्द्रीय योजनाओं का स्थलीय सत्यापन किया जा रहा है जिससे जिम्मेदारों में हड़कम्प मचा हुआ है। जानिये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरा मामला
महराजगंजः केन्द्रीय योजनाओं के तहत ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों का स्थलीय सत्यापन करने भारत सरकार की केन्द्रीय प्रवेक्षण टीम पांचवे दिन गुरूवार को मिठौरा ब्लाक के नक्शा-बक्शा व बड़हरा मीर गांव में पहुंची। इन गांवों में प्रवेक्षण टीम ने मनरेगा सहित सभी केन्द्रीय योजनाओं के मानक व कराए गए विकास कार्यों की जमीनी हकीकत को देखा। इस दौरान ग्रामीणों से महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विकास कार्यों की असलियत को परखा। प्रवेक्षण टीम की रिपोर्ट से कई ग्राम पंचायतों में केन्द्रीय योजनाओं के तहत मिलने वाले धन की कटौती होने की संभावना है।
टीम ने किया चौपरिया का स्थलीय सत्यापन
भारत सरकार की केन्द्रीय प्रवेक्षण टीम के अध्यक्ष डाक्टर आशीष कुमार श्रीवास्तव, उनके सहयोगी नीरज कुमार राजपूत व डीसी आईसीसी एचआरडी ए.के. उपाध्याय ने शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण का भी निरीक्षण किया। टीम परतावल ब्लाक के चैपरिया गांव पहुंची। जहां दिए जा रहे प्रशिक्षण के संबंध में सिलसिलेवार जानकारी ली। इस दौरान पनियरा ब्लाक के गोनहा गांव का भी स्थलीय सत्यापन किया गया।
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केन्द्रीय योजनाओं की उडी़ धज्जियां
केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के तहत ग्राम पंचायतों में करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाया जा रहे हैं। कहीं मनरेगा की मजदूरी में लूट मची है तो कहीं ग्राम पंचायतों में केन्द्रीय योजनाओं के बजट को बंदरबांट किया जा रहा है। गांवों में सड़क आज भी कच्ची है लेकिन उनको बिना पक्का कराए ही बजट निकाल लेने की भी शिकायतें आम हो गई है। ऐसे तमाम गांवों में भी शिकायतें मिलती है, जहां जिम्मेदार इन योजनाओं से मिलने वाले धन को खर्च करने की मनमानी में जुटे हुए हैं।
रिपोर्ट से होगी केन्द्रीय बजट की कटौती
विकास कार्यों की स्थलीय सत्यापन के लिए भारत सरकार केन्द्रीय प्रवेक्षण टीम ग्राम पंचायतों की रैडम जांच कर रही है। जिनमें मनरेगा सहित केन्द्र सरकार की कई योजनाएं शामिल है। टीम द्वारा इसकी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी जाएगी। लेकिन इनके रिपोर्ट में जिन ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों में गड़बड़ी मिलेगी उन ग्राम पंचायतों को आने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान केन्द्रीय योजनाओं के बजट में कटौती कर दी जाएगी।
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