लगातार घटती जा रही है पक्षियों की आबादी, बदलता जलवायु या गर्म वातावरण क्या है वजह? पढ़ें ये रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

गर्म जलवायु के कारण समय से पहले वसंत जैसा मौसम आने लगा है, जब पक्षी अंडे देने के लिए वास्तविक रूप से तैयार नहीं रहते हैं और इस वजह से पक्षियों की आबादी में गिरावट दर्ज की जा रही है। यह जानकारी एक नये शोध में दी गयी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: गर्म जलवायु के कारण समय से पहले वसंत जैसा मौसम आने लगा है, जब पक्षी अंडे देने के लिए वास्तविक रूप से तैयार नहीं रहते हैं और इस वजह से पक्षियों की आबादी में गिरावट दर्ज की जा रही है। यह जानकारी एक नये शोध में दी गयी है।

शोध में कहा गया है कि औसतन ‘सांगबर्ड’ (संगीत की ध्वनि की तरह चहकने वाले पक्षी) प्रजातियों की प्रजनन क्षमता में 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा सकती है। शोध के अनुसार, वसंत जैसे मौसम के जल्दी शुरू होने तथा अंडे देने की इन पक्षियों की तैयारी में अंतराल के कारण स्थिति बदतर होने वाली है, क्योंकि धरती का तापमान बढ़ रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लॉस एंजिलिस स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (यूसीएलए) और अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की ओर से किये गये शोध से इस बात का पता चला है कि यदि पक्षी समय से पहले या मौसम की अंतिम अवधि में अंडे देना शुरू करते हैं तो यह संख्या अपेक्षाकृत कम होती है।

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शोधकर्ताओं ने प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण वसंत जैसा मौसम समय से पहले आ रहा है, लेकिन ये पक्षी खुद को इसके अनुकूल फिलहाल ढाल नहीं पाये हैं।

मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के पोस्ट-डॉक्टरेट फेलो एवं अध्ययन के प्रथम लेखक कैसी यंगफ्लेश ने कहा, ‘‘ऐसी संभावना है कि 21वीं सदी के अंत तक वसंत का मौसम 25 दिन पहले शुरू हो सकता है, जबकि पक्षियों में अंडे देने के समय का यह अंतर महज 6.75 दिन ही कम हो सकेगा।’’

संतति बढ़ाने के मामले में पक्षियों के लिए समय का बहुत ही महत्व होता है। समय से पहले या देरी से अंडे देने की वजह से अंडों या नवजात चूजों को नुकसान पहुंच सकता है।

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भोजन के स्रोतों के संबंध में भी समय मायने रखता है--प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होने से पहले या बाद में भोजन की तलाश करने का मतलब यह हो सकता है कि पक्षियों के पास अपने बच्चों को जीवित रखने के लिए संसाधन न हो।

इस अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर ‘पक्षी बैंडिंग’ कार्यक्रम के आंकड़ों का इस्तेमाल करके 2001 और 2018 के बीच पूरे उत्तरी अमेरिका के वन क्षेत्रों के पास 179 स्थानों पर 41 प्रवासी और स्थानीय पक्षी प्रजातियों के प्रजनन के समय और पैदा होने वाले बच्चों की संख्या की गणना की।

यूसीएलए में पारिस्थितिकी और विकासवादी जीवविज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्ययन के वरिष्ठ लेखक मॉर्गन टिंगले ने कहा, ‘‘उत्तरी अमेरिका ने 1970 के दशक के बाद से पक्षियों की अपनी आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा खो दिया है।’’










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