महराजगंज: गरीबी की कसौटी पर नाबालिग लड़कों से कराया जा रहा मनरेगा का काम

डीएन ब्यूरो

एक ओर बाल श्रम पर भारत के कानून में सजा और प्रतिबंध का प्रावधान है। वहीं सरकारी योजनाओं में नाबालिग बच्चों द्वारा काम किए जाना कहीं ना कहीं योजना में भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की खास खबर..

मेहनत मजदूरी करते बच्चे
मेहनत मजदूरी करते बच्चे


महराजगंज: ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए ही मनरेगा योजना को लागू किया गया था, लेकिन इस ग्राम के प्रधान की करतूत ने पूरी योजना पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। जिले के परतावल ब्लॉक के अंतर्गत एक ग्राम सभा पिपरालाला में तालाबों के पुनरुद्धार के लिए मनरेगा योजना द्वारा नाबालिक बच्चों से काम कराया जा रहा है।

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इन बच्चों को मेहनत मजदूरी करते हुए देखा गया है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि एक ओर बाल श्रम पर भारत के कानून में सजा और प्रतिबंध का प्रावधान है। वहीं सरकारी योजनाओं में नाबालिग बच्चों द्वारा काम किए जाना कहीं ना कहीं योजना में भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है। क्योंकि ग्रामीणों की शिकायत रहती है कि ग्राम प्रधान ने मनरेगा का काम या उनके जॉब कार्ड से नाम काट दिया है। जिसकी वजह से मजबूरी में वह काम करने को विवश हैं।

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इन सब के बीच में सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि इस बच्चे की मेहनत के बाद मजदूरी किस हिसाब से मिलेगी, क्योंकि जब कार्ड ही नहीं बना तो बच्चे को मजदूरी करने का कार्य कैसे मिल गया और अब इस बच्चे को नाबालिग दिखाकर क्या सरकार के खजाने से पैसा निकाल कर नाबालिग की मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। जिसके कारण यह ग्रामीण इलाका और भी पिछड़ता जा रहा है।

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आखिरकार किस कारणवश नाबालिक बच्चे से कार्य करवाया गया,अब इन सब चीजों के बीच में एक बात तो आमजनमानस के समझ में आ ही जाती है कि सरकारी जांच किस स्तर पर चलती हैं। इसी बात को लेकर लोगों में चर्चा बनी हुई है। इस सम्बंध में खण्ड विकास अधिकारी प्रवीण शुक्ला ने बताया कि बच्चे का मास्टररोल नहीं निकाला गया है,किस कारण बच्चे से काम कराया गया इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।










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