माता-पिता की सहमति के बिना होने वाली शादियों पर खाप महासम्मेलन में लिया गया ये बड़ा फैसला
उत्तर भारत की लगभग 165 खापों का रविवार को यहां एक महा सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन के साथ ही माता-पिता की सहमति के बिना अदालतों में होने वाली शादियों पर रोक लगाने की मांग की गई। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
जींद (हरियाणा): उत्तर भारत की लगभग 165 खापों का रविवार को यहां एक महा सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन के साथ ही माता-पिता की सहमति के बिना अदालतों में होने वाली शादियों पर रोक लगाने की मांग की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कंडेला खाप के प्रवक्ता जगत सिंह रेढू ने बताया कि प्रस्ताव में सरकार से हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग की गई। इसमें कहा गया कि कोर्ट मैरिज के समय बच्चों के माता-पिता की सहमति तथा उपस्थिति अनिवार्य की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में कहा गया कि माता-पिता की सहमति के बिना सरकार को अदालतों में की जाने वाली शादियों पर रोक लगानी चाहिए।
जींद जिले के गांव कंडेला में रविवार को आयोजित उत्तर भारत की खाप पंचायतों के सम्मेलन में खाप प्रमुखों ने समाज में फैली बुराइयों से एकजुट होकर लड़ने का अह्वान करने के साथ ही आठ प्रस्ताव भी पारित किए गए।
यह भी पढ़ें |
Maharashtra: हड़ताल पर नहीं जाएंगे रेजिडेंट डॉक्टर, मांगों पर सहमति मिलने के बाद किया फैसला
सम्मेलन में हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान की खापों के प्रमुख भी शामिल हुए। खाप सम्मलेन की अध्यक्षता कंडेला खाप के अध्यक्ष ओमप्रकाश ने की। जबकि प्रस्ताव बिनैण खाप के सूबे सिंह द्वारा रखे गए।
रेढू ने बताया कि सम्मेलन में शिक्षा और खेलों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इसके अलावा सामाजिक कुरीतियों जैसे नशाखोरी, दहेज प्रथा, विवाह आदि अवसरों पर की जाने वाली फायरिंग पर रोक लगाने समेत कई अन्य प्रस्तावों को भी इस दौरान पारित किया गया।
एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया कि किसी खाप का प्रधान अगर राजनीति में प्रवेश करता है तो उसको खाप प्रधान के पद से त्यागपत्र देना चाहिए।
यह भी पढ़ें |
दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के झटके