तोमर ने कृषि में उच्च शिक्षा के लिए मिश्रित शिक्षण मंच का शुभारंभ किया

डीएन ब्यूरो

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजना के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा तैयार कृषि में उच्च शिक्षा के लिए मिश्रित शिक्षण मंच का शुभारंभ किया।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (फाइल)
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (फाइल)


नयी दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजना के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा तैयार कृषि में उच्च शिक्षा के लिए मिश्रित शिक्षण मंच का शुभारंभ किया।

आईसीएआर ने इस वर्ष समाप्त होने वाली पांच वर्षीय राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) के हिस्से के रूप में मिश्रित शिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है। भारत और विश्व बैंक ने इस परियोजना के लिए 8.25 करोड़ डॉलर (लगभग 600 करोड़ रुपये) का योगदान दिया है जिसका उद्देश्य देश में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना है।

तोमर ने यहां तीन दिन के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस मंच के शुभारंभ के अवसर पर कहा, ‘‘मिश्रित शिक्षा कृषि मेघ का विस्तार है। मेरा मानना है कि यह कृषि मेघ की नींव को मजबूत करेगा और डिजिटल शिक्षा की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करेगा।’’

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कृषि मेघ, जो आईसीएआर का डेटा रिकवरी सेंटर है, किसानों, शोधकर्ताओं, छात्रों और नीति निर्माताओं को कृषि और अनुसंधान के बारे में नवीनतम जानकारी के साथ अद्यतन करने में सक्षम बनाता है।

मंत्री ने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए मिश्रित शिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मिश्रित शिक्षण ऑफ़लाइन और ऑनलाइन सीखने का एक संयोजन है जो एक दूसरे का पूरक है।

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आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि विश्व बैंक अनुसंधान और शिक्षा को और बढ़ावा देगा। ...जलवायु परिवर्तन और कम उत्पादकता की चुनौतियों का समाधान करने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हमारे युवा छात्रों के साथ-साथ वैज्ञानिकों को भी इसकी आवश्यकता है।’’

आईसीएआर के उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) आर सी अग्रवाल ने कहा कि यह आईसीएआर का प्रयास रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और यूएन-एसडीजी के मार्गदर्शन के साथ कृषि उच्च शिक्षा को बढ़ाया जाए।










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