UP 69000 शिक्षक भर्ती मामला: सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों को मिला बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश शिक्षा मित्र मामले में सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर शिक्षा मित्रों को एक बड़ा झटका मिला है। पढ़ें पूरी खबर
नई दिल्लीः पिछले दो साल से अधर में लटका उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई है। जिसमें कई फैसले सुनाए गए हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मौजूदा कट ऑफ को सही बताया है। कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा है कि-कट ऑफ 60 से 65 ही रहेगा। इसके साथ ही शिक्षा मित्रों को एक मौका और देने की भी बात कही है। सुनवाई के दौरान ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि हमारे पास 50 हजार पद हैं और प्रति वर्ष 10,000 लोग रिटायर हो रहे हैं। हम अलग से भर्ती में मौका देने को तैयार हैं लेकिन योग्यता के साथ।
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क्या है मामला
दिसंबर, 2018 में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली। उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक पदों के लिए 6 जनवरी 2019 को करीब चार लाख अभ्यार्थियों ने लिखित परीक्षा में हिस्सा लिया। एक दिन बाद सरकार की तरफ से कट ऑफ मार्क्स का मानक तय कर दिया। शिक्षक भर्ती की परीक्षा का पेपर 150 नंबर का था। परीक्षा में पास होने के लिए सामान्य वर्ग के कैंडिडेट को 150 में से 97 और आरक्षित वर्ग से आने वाले अभ्यर्थी को 150 में से 90 नंबर लाने थे। सामान्य वर्ग के कैंडिडेट के लिए 65 प्रतिशत और आरक्षित कैंडिडेट के लिए 60 प्रतिशत कट ऑफ तय किया गया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा के 60-65 प्रतिशत कट ऑफ पर कुछ अभ्यर्थियों को असंतोष हुआ। शिक्षामित्र 60-65 प्रतिशत कट ऑफ का विरोध करते हुए हाईकोर्ट चले गए।