मंत्रिमंडल विस्तार से राधा मोहन दास अग्रवाल और फतेह बहादुर सिंह को मिली निराशा
गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की दो अहम विधान सभाओं के वरिष्ठ विधायकों राधा मोहन दास अग्रवाल और फतेह बहादुर सिंह को बड़ी निराशा हाथ लगी है। ढ़ाई साल बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में योगी ने इनको जगह नहीं दी। डाइनामाइट न्यूज़ विशेष:
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिमाग में क्या चल रहा है इसे बड़े-बड़े पंडित उनके 21 साल के राजनीतिक जीवन में नहीं भांप पाये।
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कुछ ऐसा ही एक बार फिर बुधवार को हुआ। राज्य सरकार का ढ़ाई साल बाद मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। बहुत उम्मीद थी कि चौथी बार जीते गोरखपुर शहर के विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल को सीएम मौका देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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जानकारों की मानें तो सीएम को लगता है कि उनकी कृपा से विधायक बनने वाले राधा उन्हीं के लिए कबी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। इसके अलावा जब गोरखपुर शहर से ही सीएम खुद हैं तो फिर किसी और के मंत्री पद का क्या औचित्य? इन कारणों से राधा मोहन का पत्ता साफ हो गया।
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इनके अलावा फतेह बहादुर सिंह का राजनीतिक कद ऊंचा है। ये कैबिनेट मंत्री के अलावा कई बार के विधायक हैं। पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। पिता का राजनीतिक कद तो बेहद ऊंचा रहा है। वे भारत सरकार के संचार मंत्री से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री तक रह चुके हैं। सीएम इन पर इसलिए मन नहीं बना पाये कि ये बसपा से होकर भाजपा में आये हैं।