जानिये, यूपी के नये सख्त गो वध निवारण कानून को, कड़ी सजा के साथ लाखों का जुर्माना
उत्तर प्रदेश की योगी केबिनेट ने मंगलवार देर शाम को राज्य में गोवध रोकने के लिए गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 पर मुहर लगा दी है। जानिये, इस कानून के सारे प्रावधान..
लखनऊ: यूपी के योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में गो वंश की रक्षा करने और गोवध को रोकने के लिए नये गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी है। सीएम योगी खुद लंबे समय से राज्य में गो वंश की रक्षा करने के लिये सख्त कानून के पक्षधर रहे हैं। राज्य में गो वध और गो अत्याचार को रोकने के लिये अब नया कानून लागू हो गया है, जिसमें कई कड़े प्रावधान किये गये हैं।
गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के तहत राज्य में अब से गो अंग-भंग करने पर 1 से 7 साल की जेल और 1 से 3 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसी के साथ गोवध करने वालों के लिये 3 से 10 साल की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस नये अधिनियम के तहत सभी अपराध गैरजमानती होंगे।
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नये कानून के बाद अब प्रदेश में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में कड़ी सजा होगी। नये अधिनियम के तहत नये गो वंश कानून के तहत दोबारा दोषी पाए जाने पर दोगुनी सजा का प्रावधान किया गया। इतना ही नहीं, कानून के तहत जिनके पास से तस्करी या अन्य प्रतिबंधित उद्देश्यों के लिये गायों को बरामद किया जाएगा, उन्हें एक साल तक गायों को भरण-पोषण भी देना होगा।
प्रस्तावित कानून के अनुसार अगर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा गोवंश जब्त किया जाता है तो एक साल तक उसके भरण-पोषण के खर्च की वसूली भी अभियुक्त से ही की जाएगी।
हालांकि राज्य में पहले से गो वंश संबंधी कानून मौजूद था लेकिन उसमें गोवंश या उसके मांस को ढोने वाले वाहनों, उनके मालिकों या चालकों पर कार्रवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। अब जब तक वाहन मालिक साबित नहीं कर देंगे कि उन्हें वाहन में प्रतिबंधित मांस की जानकारी नहीं थी, वे भी दोषी माने जाएंगे। वाहन सीज कर दिया जाएगा।
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अब गायों को भूखा-प्यासा रखने वालों के खिलाफ भी सजा का प्रावधान है। गोवंश का जीवन खतरे में डालने की श्रेणी में उन्हें भूखा-प्यासा रखना भी शामिल किया गया है।
सरकार का कहना है कि कुल जिलों में गोकशी की बढ़ती घटनाओं और जमानत पर छूटे लोगों द्वारा फिर गोकशी करने की घटनाओं को देखते हुए कानून को सख्त किया गया है। इससे गोवंशीय पशुओं के संरक्षण में मदद मिलेगी।