बुलंदशहर हिंसा को लेकर सवालों के घेरे में मेरठ जोन के एडीजी और आईजी
बुलंदशहर में गोकशी को लेकर भड़की हिंसा में ADG मेरठ जोन और IG रेंज मेरठ की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..
लखनऊः मेरठ जोन के बुलंदशहर जिले में कल हुए बवाल ने मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार,आईजी एसएसपी समेत दूसरे अफसरों की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जब बुलंदशहर में चल रहे 3 दिवसीय धार्मिक आयोजन में लाखों की तादाद में लोगों की भीड़ जुटी थी। तब वहां पर आखिर रिजर्व पुलिस फोर्स की व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी। अगर वहां पहले से ही रिजर्व पुलिस फोर्स की व्यवस्था की गई होती तो शायद इतनी बड़ी हिंसा नहीं घटती।
ADG Law & Order Anand Kumar: It would be premature to say it was an intelligence failure or failure of any other agency. No action will be taken against any policeman till probe is complete #Bulandshahr pic.twitter.com/QYSBcT9kfj
— ANI UP (@ANINewsUP) December 4, 2018
एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने बताया कि जब ग्रामीण उग्र होकर पुलिस पर पथराव करने लगे तो सीओ ने पुलिस फोर्स की मांग की थी। मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि एसआईटी एडीजी इंटेलिजेंस की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच कर रही है। आने वाले 48 घंटों में जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में बुलंदशहर के ही बजरंग दल के नेता योगेश राज समेत कुल 27 लोगों का नाम सामने आया है।
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Anand Kumar, ADG(L&O): Four people have been arrested. I don't know about the organizations yet, but the main accused in the violence is Yogesh Raj who has not been arrested till now #Bulandshahr pic.twitter.com/NsQlDyWZxe
— ANI UP (@ANINewsUP) December 4, 2018
पुलिस योगेश राज की तलाश करने में जुटी है। अब यहां पर सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि जब कहीं भी कोई बड़ा कार्यक्रम चलता है तो इसके लिए उस संबंधित जगह पर पुलिस बल की तैनाती तो रहती ही है साथ ही अलग से आपातकालीन स्थिति के लिए पुलिस की रिजर्व फोर्स तैयार रहती है। जब बुलंदशहर में हिंसा भड़की तो तब वहां सीओ ने फोर्स की डिमांड आला अधिकारियों से की थी, बावजूद इसके इसे अनदेखा किया गया।
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जिससे वहां चौकी में तब तक उपद्रवी घुस गए और उन्होंने पुलिस चौकी चिंगरावठी कोतवाली स्याना को आग के हवाले कर दिया, यह देख पुलिकर्मी चौकी से भाग खड़े हुए। अब डीजीपी ओपी सिंह की तरफ से SIT पर जांच का जिम्मा सौंपा गया है। जिसमें ये सभी बातें रखी गई है। अब बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि पूरे घटनाक्रम में एडीजी मेरठ जोन, आईजी मेरठ और बुलंदशहर एसएसपी के बीच घटना के दौरान जो तालमेल में कमी रही इस लापरवाही के लिए असल में जिम्मेवार कौन है। अब इसका भी खुलासा SIT की जांच के बाद हो सकेगा।