Uttar Pradesh: वक्फ संपत्तियों की जांच फिर होगी शुरू, इस जिले की 812 सरकारी संपत्तियां होंगी मुक्त

डीएन ब्यूरो

वक्फ संपत्तियों को लेकर बढ़ते विवादों और अतिक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। यूपी के इस जिले की वक्फ संपत्तियों की जांच फिर शुरू होगी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

वक्फ संपत्तियों की जांच होगी शुरू
वक्फ संपत्तियों की जांच होगी शुरू


बाराबंकी: वक्फ संपत्तियों को लेकर एक बार फिर जिले में बड़ी जांच की तैयारी शुरू हो गई है। संसद की संयुक्त प्रवर समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट सदन में पेश होने के बाद केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संबंधित बिल पारित किया जा चुका है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जिले में वक्फ संपत्तियों की दोबारा गहन जांच की जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए पुलिस, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), राजस्व विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

कहां कितनी संपत्तियां कब्जे में?

जिले के विभिन्न तहसीलों में बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियों पर कब्जे की बात सामने आई है। अब तक की जांच के मुताबिक:

नवाबगंज तहसील: 76 संपत्तियों में 9.167 हेक्टेयर भूमि पर वक्फ का दावा है।

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रामनगर: 34 संपत्तियों में 5.157 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है।

रामसनेहीघाट: 285 संपत्तियों में कुल 49.042 हेक्टेयर भूमि पर सरकारी कब्जे की बात सामने आई है।

सिरौलीगौसपुर: यहां 11 संपत्तियों पर 2.873 हेक्टेयर भूमि पर विवाद है।

हैदरगढ़: 68 संपत्तियों में 15.801 हेक्टेयर भूमि चिन्हित हुई है।

फतेहपुर: 338 संपत्तियों में 26.751 हेक्टेयर जमीन पर कब्जे की पुष्टि की गई है।

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आधिकारिक बनाम वास्तविक संपत्तियां

सरकारी अभिलेखों में जिले में वक्फ की 812 संपत्तियां दर्ज हैं। लेकिन वक्फ बोर्ड का दावा है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक यानी 5011 संपत्तियां हैं। इनमें मजार, कर्बला, दरगाह, कब्रिस्तान, खेल मैदान, शिक्षण संस्थान, दुकानें, बाजार, मस्जिदें और ईदगाह समेत कई प्रकार की संपत्तियां शामिल हैं।

इन 5011 संपत्तियों में से 4863 संपत्तियां सुन्नी वक्फ बोर्ड के अंतर्गत और लगभग 148 संपत्तियां शिया वक्फ बोर्ड के अंतर्गत दर्ज हैं।

अब क्या होगा?

वक्फ संपत्तियों को लेकर बढ़ते विवादों और अतिक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। पुनः जांच के आदेश दिए गए हैं और संबंधित विभागों को अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।  
 










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