Uttar Pradesh: झोपड़ी में आग लगने से एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत

डीएन ब्यूरो

जसराना इलाके में एक झोपड़ी में आग लगने से तीन बच्चों की झुलसकर मौत हो गयी। उन्हें बचाने की कोशिश में उनका पिता गम्भीर रूप से झुलस गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत
एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत


फिरोजाबाद: जसराना इलाके में एक झोपड़ी में आग लगने से तीन बच्चों की झुलसकर मौत हो गयी। उन्हें बचाने की कोशिश में उनका पिता गम्भीर रूप से झुलस गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण क्षेत्र) रणविजय सिंह ने सोमवार को बताया कि जसराना थाना क्षेत्र के डेरा बंजारा इलाके में शनिवार रात शकील (32) नामक व्यक्ति अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ झोपड़ी में सो रहा था, तभी झोपड़ी में आग लग गयी। उनके अनुसार आग लगने का कारण पता नहीं चल सका है।

सिंह ने बताया कि इस घटना में शकील के बच्चों --अनीस (चार) और रेशमा (दो) की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि सामना (सात) ने फिरोजाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

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उन्होंने बताया कि बच्चों को बचाने की कोशिश में उनका पिता शकील भी गम्भीर रूप से झुलस गया है और उसे नाजुक हालत में आगरा भेजा गया है।

जिलाधिकारी उज्जवल कुमार ने बताया कि आपदा राहत कोष से पीड़ित परिवार को मदद दिलाने के लिए प्रक्रिया शुरू की गयी है एवं इस घटना की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है।

ग्रामीणों का आरोप है कि शकील को अगर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने का पूरा धन मिल गया होता तो वह झोपड़ी में नहीं रह रहा होता। हालांकि जसराना तहसील के उप जिलाधिकारी आदेश कुमार सागर ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है।

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उन्होंने बताया कि संबंधित खंड विकास अधिकारी द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार शकील को 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान की स्वीकृति मिल गई थी और उसे पहली किस्त के तहत 40 हजार और दूसरी किस्त के 70 हजार रुपये दिए जा चुके थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवदाता के अनुसार सागर ने बताया कि योजना के तहत निर्धारित कुल एक लाख 30 हजार में से एक लाख 20 हजार रुपये उसे दिये जा चुके थे, बाकी 10 हजार रुपये उसे मकान पूरा होने पर दिये जाने थे। उन्होंने बताया कि मौके पर जांच में उसके मकान का ढांचा खड़ा पाया गया लेकिन निर्माण कार्य पूरा न होने की वजह से वह अस्थाई तौर पर झोपड़ी में रह रहा था।










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