DN Exclusive: वाराणसी के हैंडलूम को ओडीओपी समिट में मिली जगह, हस्त निर्मित सिल्क प्रोडक्ट्स की धूम

डीएन संवाददाता

लखनऊ में आयोजित हो रही ओडीओपी समिट में काशी को हथकरघा (हैंडलूम) के लिये चुना गया है। वाराणसी के स्वालेह अंसारी अपने हस्त निर्मित सिल्क प्रोडक्ट्स के साथ ओडीओपी समिट में हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में अपने उत्पादों की जानकारी दी..

प्रदर्शनी में शामिल एक सिल्प प्रोडक्ट
प्रदर्शनी में शामिल एक सिल्प प्रोडक्ट


वाराणसी: धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी काशी की पहचान दुनिया में कई रूपों में की जाती है। लेकिन अब काशी की पहचान यहां के पारंपरिक हथकरघा (हैंडलूम) से बने उत्पादों के जरिये भी होगी। योगी सरकार द्वारा राज्य में शुरू की गयी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत वाराणसी का चयन हथकरघा प्रोडक्ट के लिये किया गया है। वाराणसी को सिल्क वर्ग में भी जगह दी गयी है।

 

 

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लखनऊ में आयोजित ओडीओपी में समिट में शिरकत कर रहे सिल्क के हस्त निर्मित प्रोडक्ट बनाने वाले स्वालेह अंसारी का कहना है कि यह उनके लिये खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में होने वाली प्रदर्शनी के जरिये  वह काशी के हथकरघा से बने उत्पादों की प्रदर्शनी देश-विदेश से आने वाले लोगों को दिखा सकेंगे।

 

 

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स्वालेह आंसारी ने डाइनामाइट न्यूज से बात करते हुए कहा कि वह कई प्रकार की वैरायटी के प्रोडक्ट को प्रदर्शनी में लेकर जा रहे हैं, जिसमें लहंगा, दुपट्टा, साड़ी इत्यादि प्रोडक्ट है। सभी उत्पाद हाथ से बने है। 

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स्वालेह अंसारी अपने उत्पादकों के बारे में बताते हुए कहते हैं 'दो साड़ी मेरी है, जिसकी डिज़ाइनिंग का काम मैंने खुद किया है।" अंसारी ने बताया कि एक साड़ी में उन्होंने वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट को उकेरने का काम किया है, जो अपने आप में अद्भुत साड़ी है। 
 










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