योगी सरकार के रोजगार के दावों को 'युवा हल्ला बोल' ने बताया झूठा, RTI में नौकरियों का आंकड़ा न मिलने का दावा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा रोजगार देने को लेकर किये जा रहे दावों पर 'युवा हल्ला बोल' नामक संगठन ने बड़े सवाल खड़े किये हैं। संगठन का दावा है कि आरटीआई से मिली जानकारी में यूपी सरकार के ये दावे झूठे साबित हुए। पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा 4 लाख युवाओं को रोजगार देने के दावों पर बेरोजगार युवाओं के संगठन 'युवा हल्ला बोल' ने बड़े सवाल खड़े किये हैं। संगठन का दावा है कि आरटीआई से मिली जानकारी में यूपी सरकार के ये दावे पूरी तरह झूठे साबित हुए। संगठन का दावा है कि आईटीआई से मिले जबाव में सरकार ने स्वीकार किया कि नौकरियां किन-किन विभागों में दी गई, इसका कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है।
युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय संयोजक गोविंद मिश्रा ने दावा किया कि उनके संगठन द्वारा एक RTI के माध्यम से सरकार से 4 लाख नौकरियों का ब्यौरा मांगा गया था। जवाब में सरकार ने कहा कि उसके पास ये आंकड़ा नहीं है कि ये नौकरियां किन-किन विभागों में और किन-किन लोगों को दी गई। आरटीआई से मिले इस जबाव के बाद गोविंद मिश्रा ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आखिर किसा आधार पर सरकार इतना बड़ा दावा कर रही है।
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संगठन का कहना है कि राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर गोविंद मिश्रा ने झूठे दावों की पोल खोलने के लिए एक मुहिम छेड़ी थी। 12 जुलाई को युवा हल्ला बोल की टीम ने दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर योगी सरकार द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर "Fake News Spotted" वाले बैनर के साथ फोटो खिंचवाकर अपना विरोध जताया और सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसके समर्थन में अन्य लोगो ने भी इस तरह के Fake News को एक्सपोज करने वाली फोटोज डाली थी।
संगठन ने कहा कि कुछ दिन पहले बैंगलोर एयरपोर्ट पर लगे हुए इन्हीं पोस्टरों पर ट्वीट करने पर यूपी के साइबर सेल पुलिस ने उस व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही करने की बात कही।
संगठन का दावा है कि राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता ऋषव रंजन ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में RTI दायर करके तीन सवाल पूछे। लेकिन इन सवालों के जो जबाव मिले, उनसे योगी सरकार के दावे दूर-दूर तक मेल नहीं खाते हैं।
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राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रशांत कमल ने कहा कि उत्तर प्रदेश का एक सरकारी हैंडल नागरिकों को डराने-धमकाने के लिए झूठ फैलाने में व्यस्त है। ये वाकई शर्मनाक है। 4 लाख सरकारी नौकरी देने का दावा झूठा है। हमारी टीम देशभर में इस झूठे प्रचार का पोल खोलेगी।