भारत के इन राज्यों के छात्रों के प्रवेश पर 5 ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों ने लगाया प्रतिबंध, जानिये ये बड़ी वजह

डीएन ब्यूरो

फर्जी आवेदनों में वृद्धि के बीच ऑस्ट्रेलिया के कम से कम पांच विश्वविद्यालयों ने भारत के कुछ राज्यों के छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

वैश्विक शिक्षा फर्म नवितास के जॉन च्यू
वैश्विक शिक्षा फर्म नवितास के जॉन च्यू


मेलबर्न: फर्जी आवेदनों में वृद्धि के बीच ऑस्ट्रेलिया के कम से कम पांच विश्वविद्यालयों ने भारत के कुछ राज्यों के छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

ऑस्ट्रेलिया में इस साल भारतीय छात्रों की संख्या वर्ष 2019 के 75,000 के सर्वाधिक आंकड़े को पार कर सकती है।

सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड अखबार ने मंगलवार को कहा कि छात्रों की संख्या में मौजूदा वृद्धि से ऑस्ट्रेलिया की आव्रजन प्रणाली और देश के आकर्षक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बाजार पर संभावित दीर्घकालिक प्रभाव को लेकर सांसदों और शिक्षा क्षेत्र से लोगों ने चिंता व्यक्त की है।

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वैश्विक शिक्षा फर्म नवितास के जॉन च्यू ने कहा, 'आने वाले छात्रों की संख्या उम्मीद से कहीं अधिक है।'

उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे कि संख्या में काफी वृद्धि होगी, लेकिन इसके साथ ही फर्जी छात्रों की संख्या भी बढ़ी है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्थिति से निपटने के लिए कई विश्वविद्यालय अब प्रतिबंध लगा रहे हैं।

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द एज और द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड अखबारों के अनुसार, विक्टोरिया विश्वविद्यालय, एडिथ कोवान विश्वविद्यालय, वोलोंगोंग विश्वविद्यालय, टॉरेंस विश्वविद्यालय और साउथ क्रॉस विश्वविद्यालय ने भारतीय छात्रों के आवेदनों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है।

फरवरी में पर्थ स्थित एडिथ कोवान विश्वविद्यालय ने भारतीय राज्यों-पंजाब और हरियाणा के आवेदकों पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद मार्च में विक्टोरिया विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात सहित आठ भारतीय राज्यों के छात्रों के आवेदनों पर प्रतिबंध बढ़ा दिए।

यह घटनाक्रम ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस के भारत दौरे के दौरान विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों के साथ एक नए समझौते की घोषणा किए जाने के बाद हुआ।










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