जौहरी से छह करोड़ रुपये का सोना ठगने का आरोपी पंजाब से गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

पंजाब के एक जौहरी से कथित तौर पर छह करोड़ रुपये का 10 किलोग्राम सोना ठगने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

गिरफ्तार (फाइल)
गिरफ्तार (फाइल)


नई दिल्ली: पंजाब के एक जौहरी से कथित तौर पर छह करोड़ रुपये का 10 किलोग्राम सोना ठगने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान पजांब में लुधियाना निवासी सुशील कुमार के रूप में हुई है।

पुलिस ने बताया कि दो लोगों ने कथित तौर पर खुद को ‘जीएसटी’ निरीक्षक बताकर दिल्ली से लुधियाना ले जाए जा रहे सोने की एक खेप ले ली थी।

इसके बाद रविंदर कुमार की शिकायत पर शनिवार को दिल्ली के रानी बाग थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीड़ित ने शिकायत में कहा कि वह आभूषण बनाने के लिए दिल्ली से सोना खरीदता है और लुधियाना के स्थानीय बाजारों में बेचता है।

अधिकारी ने बताया कि पीड़ित ने अपने चालक बलराज और कर्मचारी राजन बावा को 10 जुलाई को जीएसटी बिलों के साथ करोल बाग से सोने की एक खेप लाने के लिए भेजा था। दोनों ने रात करीब नौ बजे खेप ली और कार से लुधियाना के लिए रवाना हो गए।

अधिकारी ने बताया कि रात करीब साढ़े नौ बजे जब वे हरियाणा मैत्री भवन के पास पहुंचे तो उनकी गाड़ी को एक अन्य गाड़ी ने रोक लिया। उसमें से दो अज्ञात लोग उतरे और उन्होंने खुद को ‘केंद्रीय जीएसटी विभाग’ का निरीक्षक सतबीर सिंह और रवि कुमार बताया।

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खुद को ‘निरीक्षक’ बताने वाले ने कहा कि उन्हें कार में अनधिकृत सोने के बारे में जानकारी मिली है। इसके बाद दोनों से सोने का बिल दिखाने के लिए कहा।

पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र सिंह ने बताया कि जब बावा ने रविंद्र कुमार को फोन किया तो उन्होंने एक ‘निरीक्षक’ को बताया कि बिल उनके पास हैं।

सिंह ने बताया कि दोनों ‘निरीक्षकों’ ने सोना जब्त कर लिया और चालक बलराज को उनके कार्यालय में मिलने के लिए कहा।

पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता अगले दिन ही दिल्ली आए और तुरंत कार्यालय पहुंचे। यहां उन्हें पता चला कि सोना जब्त करने वाले दोनों ‘निरीक्षक’ नकली थे।

उन्होंने बताया कि उनके कर्मचारी बावा ने भी 11 जुलाई के बाद से संपर्क खत्म कर दिया।

सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने करीब 100 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और पाया कि वारदात को अंजाम देने के लिए जिस कार का इस्तेमाल किया गया, वह पंजाब की ओर जा रही थी। इसके अलावा बावा किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में था जो घटना के समय सोनीपत के मुरथल में एक ढाबे पर इंतजार कर रहा था।

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सिंह ने बताया कि इसके बाद ढाबे पर बैठा व्यक्ति अंबाला के शाहबाद की ओर चला गया, रास्ते में वह वाहन से उतर गया। तकनीकी निगरानी के आधार पर उसकी पहचान सुशील कुमार के रूप में हुई, जिसे पंजाब से गिरफ्तार कर लिया गया।

अधिकारी ने बताया कि सुशील कुमार ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह नियमित रूप से जीएसटी कार्यालय जाता था और उसे विभाग के कामकाज की कुछ जानकारी थी। अधिकारी के अनुसार वह बावा को दो साल से जानता था और दोनों ने मिलकर वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई।

पुलिस ने बताया कि बावा को पता था कि शिकायतकर्ता को सोने की आपूर्ति कहां से होगी और उसने सुशील कुमार को इसकी जानकारी पहले ही दे दी।

पुलिस के अनुसार सुशील कुमार धोखाधड़ी सहित 18 आपराधिक मामलों में आरोपी है।

पुलिस ने उसके घर से करीब 4.8 करोड़ रुपये कीमत का सोना बरामद कर लिया है। पुलिस ने बताया कि बावा और अन्य आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

 










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