Sambhal Violence: संभल हिंसा पर अखिलेश यादव का संसद में बड़ा बयान, देखिये कैसे गरमाया सदन

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद में हुई हिंसा के मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को संसद में बड़ा बयान दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



नई दिल्ली: यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद में 24 नवंबर को हुई हिंसा का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मामला जोर शोर से संसद में उठाया। 

अखिलेश यादव ने लोकसभा में इस मामले पर अपना बयान देते हुए कहा कि संभल हिंसा के लिये पुलिस, प्रशासन और यूपी सरकार दोषी है। उन्होंने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक पर हत्या का मामला दर्ज करने की भी मांग की।   

अखिलेश यादव ने अपने लिखित व्यक्तव्य में लोकसभा में कहा कि मस्जिद के खिलाफ 19 नवंबर को सिविल जज, चंदौसी की अदालत में एक याचिका डाली की गई। लेकिन कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना ही उसी दिन मस्जिद के सर्वे के आदेश दे दिये। अखिलेश ने कहा कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने आदेश को पढ़े बिना दो घंटे के अंदर सर्वे के लिये मस्जिद पहुंचे गये।

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इस दौरान संसद में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और गिरीराज सिंह बीच-बीत में अखिलेश को रोकने की कोशिश करते दिखे लेकिन सपा प्रमुख रुके नहीं। अखिलेश यादव ने घटना का सिलसिलेवार ब्योरा देते हुए इसके लिये पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। 

अखिलेश यादव ने कहा कि 22 नंवबर को नमाज के दिन भी पुलिस प्रशासन ने वहां बैरिकेड लगा दिया, ताकि लोग वहां नमाज न पढ़ सकें। लेकिन लोगों ने संयम बरता और नमाज अता की और कोई विरोध नही किया। 

अखिलेश ने कहा कि 29 नवंबर 2024 को कोर्ट में मामले की अगली तारीख तय थी। लेकिन पुलिस ने कहा कि 24 नवंबर को फिर सर्वे किया जायेगा। जामा मस्जिद के अधिवक्ता ने पुलिस से कहा कि जब सर्वे पूरा हो चुका है तो इसकी जरूरत क्या? यदि जरूरत है भी तो कोर्ट से आदेश लीजिये। लेकिन पुलिस ने एक सुनी और 24 नवंबर की सुबह सर्वे के लिये मस्जिद पहुंची।

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अखिलेश यादव ने दावा किया कि 24 को भी सर्वे का काम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था लेकिन एक सर्किल ऑफिसर ने विरोध कर रहे कुछ लोगों के साथ बदतमीजी और मारपीट की, जिसके बाद मामला बिगड़ा। 

अखिलेश ने कहा कि संभल हिंसा के लिये पुलिस प्रशासन जिम्मेदार हैं और डीएम व एसपी पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिये।










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