Artificial Intelligence: देश की जीडीपी ग्रोथ में मददगार साबित हो सकता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पढ़ें ये खास रिपोर्ट
कृत्रिम मेधा (एआई) को अपनाने से देश की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर में सालाना 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। भारतीय प्रबंध संस्थान- अहमदाबाद (आईआईएम-ए) और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के एक अध्ययन में यह अनुमान जताया गया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
अहमदाबाद: कृत्रिम मेधा (एआई) को अपनाने से देश की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर में सालाना 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। भारतीय प्रबंध संस्थान- अहमदाबाद (आईआईएम-ए) और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के एक अध्ययन में यह अनुमान जताया गया है।
प्रबंध संस्थान के निदेशक भरत भास्कर ने बुधवार को एक संयुक्त अध्ययन रिपोर्ट आईआईएम-ए परिसर में जारी की।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ‘भारत में एआई- एक रणनीतिक आवश्यकता’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कृत्रिम मेधा का अर्थव्यवस्थाओं, समाज और सभ्यता पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। सिर्फ भारत में, एआई को सफलतापूर्वक अपनाने से जीडीपी वृद्धि दर में सालाना 1.4 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एआई को सफलतापूर्वक अपनाने से अकेले शीर्ष 500 भारतीय कंपनियों के लिये पांच साल की अवधि में वृद्धिशील कर-पूर्व लाभ में 1,500 से 2,500 अरब रुपये जुड़ने की उम्मीद है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई को अपनाने के लिये बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी। अनुमान के मुताबिक शीर्ष 500 भारतीय कंपनियों को ही कम से कम दस लाख घंटे के प्रशिक्षण की जरूरत होगी।
रिपोर्ट कहती है कि भारत में दुनिया के सिर्फ 4.5 प्रतिशत एआई पेशेवर ही हैं। ऐसे में प्रतिभा की कमी और अधिक गंभीर हो सकती है।