अयोध्या पहुंचे शंकराचार्य बोले- सरकारों से मंदिरों का नियंत्रण छीनें धर्माचार्य
यूपी के अयोध्या में जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रविवार को सभी धर्माचार्यों को हिंदू धर्म बचाने की अपील की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
अयोध्या: गोध्वजा (Godhwaja) की स्थापना और रामकोट की परिक्रमा के लिए अयोध्या (Ayodhya) पहुंचे जगदगुरु शंकराचार्य (Jagadguru Shankaracharya) स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwaranand ) सरस्वती ने रविवार को अयोध्या में सभी धर्माचार्यों (Religious leaders) को मन्दिरों (Temples) की मर्यादा सुरक्षित रखने के लिए एकजुट होने का आह्वान (Called ) किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जगदगुरु ने मंदिर के प्रसाद में गाय की चर्बी व अन्य जानवरों की चर्बी और मछली का तेल इस्तेमाल किए जाने के मामले पर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तिरुपति प्रसादम मामले में जो भी दोषी हैं उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह आपत्तिजनक है कि मंदिर में भगवान को इस तरह की चीजों का भोग लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि धर्म का कार्य धर्माचार्यों को करने दिया जाए। मंदिरों के रखरखाव का कार्य भी धर्माचार्य करें। सरकार को मंदिरों पर से अपना नियंत्रण खत्म कर लेना चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा कि मैं अयोध्या के सभी संत और धर्माचार्यों से अपील करता हूं कि वो खड़े हों और सरकार के हाथों में मंदिरों का नियंत्रण छीन लें। मंदिर धार्मिक व्यवस्था के अनुसार चलें। धर्माचार्यों को इस दायित्व को संभाल लेना चाहिए।
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गोध्वजा की स्थापना और रामकोट की परिक्रमा के लिए अयोध्या पहुंचे शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी तिरुपति मंदिर से तीन टन लड्डू आए थे जिसका वितरण रामभक्तों को किया गया। लोग प्रसाद का लड्डू बांटकर खाते हैं। ऐसे में लड्डू में पड़े पदार्थ न जाने कितने लोगों के शरीर में चले गए। प्रसाद की पवित्रतता नष्ट होने से लोग आहत हैं।
भाजपा विरोधी नहीं हम
शंकराचार्य ने कहा कि हमने कभी देश के किसी भी पार्टी का विरोध या समर्थन नहीं किया फिर भी हमारी छवि भाजपा या अन्य पार्टी विरोधी बनाई जाती रही है। जगद्गुरु ने कहा कि हमने भाजपा (जो अनेक वर्षों से केन्द्र और कई राज्यों में सत्ता में है) के कुछ मुद्दों का विरोध किया हैं क्योंकि उन विषयों पर पार्टी और उनके नेताओं द्वारा हिन्दू धर्म के प्रति बड़ी क्षति की जा रही थी जैसे मूर्ति और मन्दिरों को तोड़कर मलबे मे फेकना आदि।
उन्होंने कहा कि हम सभी उन सरकारों के विरोध में हैं जो गौहत्या का समर्थन कर रही है। यही नहीं, भाजपा के सत्ता में रहते ही भारत विश्व की गोमांस निर्यातक देशों में दूसरे स्थान पर पहुँच गया है।
अरुणाचल में हमारी यात्रा का विरोध करने वाला छात्रनेता कह पा रहा है कि शङ्कराचार्य जी गौहत्या रोकने अरुणाचल आएं उससे पहले उत्तर प्रदेश गोमांस निर्यात को रोकें। इसलिए हम भाजपा सहित उन तमाम पार्टियों का विरोध करने के लिए बाध्य हैं जो सत्ता में रहकर भी गौहत्या रोकने के बजाय उसे बढावा दे रही हैं।
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सरकार पर भरोसा टूटा,अब हर हिन्दू-गोमतदाता बने
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आवाहन किया कि अब समय आ गया है कि हर हिन्दू गौमाता के प्राण और उनकी प्रतिष्ठा को बचाने का लिए गोमतदाता बने क्योंकि जिन पार्टियों और नेताओं के भरोसे हम आजादी के 78 साल रहे उन्होंने हमारे भरोसे को तोड़ दिया है।
अब मतदाताओं को कमर कसनी होगी और उसी पार्टी और प्रत्याशी को मतदान का सङ्कल्प लेना होगा जो गौमाता के प्राण और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए शपथपूर्वक घोषणा कर चुका हो।
उन्होंने कहा कि आज हम राजकोट की परिक्रमा कर रामलला से गौरक्षा सामर्थ्य का आशीर्वाद लेंगे और लखनऊ होते हुए देश के सभी प्रदेशों की राजधानियों में गौ प्रतिष्ठा ध्वज फहराते हुए 26 अक्टूबर को वृन्दावन में भगवान् श्री बिहारी जी का दर्शन कर इस यात्रा का समापन करेंगे।