Azamgarh News: सपा के एमएलसी गुड्डू जमाली ने बिजली निजीकरण के खिलाफ उठाई आवाज
उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सपा एमएलसी शाहआलम उर्फ गुड्डू जमाली ने बिजली विभाग के निजीकरण के मुद्दे को उठाया। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िए पूरी खबर
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन (18 दिसंबर) को समाजवादी पार्टी (SP) के एमएलसी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने बिजली विभाग के निजीकरण के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग का निजीकरण किसानों, बुनकरों और प्रदेशवासियों के हित में नहीं होगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, सदन में बोलते हुए जमाली ने कहा कि पहले भी बिजली विभाग के निजीकरण की बात उठ चुकी है, लेकिन इसके खिलाफ बड़े आंदोलन हुए थे।
उन्होंने कहा, "जब निजीकरण की बात पहले आई थी, तब बिजली कर्मचारियों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक कर समझौता हुआ था कि विभाग का निजीकरण नहीं किया जाएगा और मौजूदा व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।"
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गुड्डू जमाली ने जताई चिंता
जमाली ने बताया कि 6 अक्टूबर 2020 को राज्य सरकार ने एक सब कमेटी बनाई थी, जिसमें इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई थी। उस समय यह तय हुआ था कि बिना कर्मचारियों और अन्य संबंधित पक्षों को विश्वास में लिए बिजली विभाग का निजीकरण नहीं किया जाएगा। अब फिर से पूर्वांचल और दक्षिणांचल के बिजली विभाग के निजीकरण की बात सामने आई है, जिससे वह चिंतित हैं।
सरकार से की अपील
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उन्होंने कहा कि अगर सरकार निजीकरण की दिशा में कदम उठाती है, तो यह एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बुनकरों की समस्याओं पर भी जोर दिया और कहा कि बुनकरों का जीवन स्तर पहले से ही काफी खराब है। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और सभी पक्षों को साथ लेकर इस पर विचार किया जाए।
गुड्डू जमाली ने यह भी सवाल उठाया कि अगर निजीकरण किया जाता है, तो सब्सिडी और बिजली चोरी के मुद्दे का क्या होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बनारस की पहचान बनारसी साड़ी से है, जो मुबारकपुर के बुनकरों द्वारा बनाई जाती है और इस क्षेत्र के बुनकरों की हालत बहुत खराब है।