Bhilwara Bhatti Kand: भीलवाड़ा के चर्चित कोटड़ी भट्टी कांड के दो दोषियों को सजा-ए- मौत, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

राजस्थान के भीलवाड़ा में कोर्ट ने 20 मई को बहुचर्चित कोटड़ी भट्टी कांड में दो आरोपियों कालू और कान्हा को दोषी करार देने के बाद मृत्युदंड की सजा सुनाई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



भीलवाड़ा: राजस्थान के बहुचर्चित कोटड़ी भट्टी कांड में कोर्ट ने 20 मई को दो आरोपियों कालू और कान्हा को दोषी करार देने के बाद मृत्युदंड की सजा सुनाई है। जज अनिल गुप्ता ने फैसला सुनाते हुए मामले को दुर्लभतम श्रेणी में रखा। कोर्ट ने  7 आरोपियो को दोष मुक्त कर दिया। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार कोर्ट के फैसले से मृतका के परिजनों में भी खुशी की लहर दौड़ गई और वह जज का आभार व्यक्त करते हुए नजर आए। आज पॉक्सो कोर्ट ने दोनों आरोपियो को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। 

कोर्ट ने दो मुख्य आरोपी कालू पुत्र रंगनाथ कालबेलिया उम्र 25 वर्ष और उसके भाई काना पुत्र रंगनाथ कालबेलिया उम्र 21 वर्ष को फांसी की सजा सुनाई है। 

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गौरतलब है कि 2 अगस्त 2023 को कोटडी थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसे जिंदा ही कोयले की भट्टी में फेंक दिया गया। इस हत्याकांड में नाबालिग पीड़ित बकरियां चराने घर से निकली थी। जब वह घर वापस नहीं लौटी तो उसके परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। लड़की के न मिलने पर परिवार ने आशंका जताई कि उसका अपहरण कर हत्या कर दी गई है।

पुलिस  ने घटना में नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें कालू पुत्र रंगलाल कालबेलिया उम्र 25 वर्ष  पप्पू पुत्र अमर नाथ कालबेलिया उम्र 35 वर्ष  कान्हा पुत्र रंगलाल कालबेलिया उम्र 21 वर्ष संजय पुत्र प्रभु कालबेलिया उम्र 20 वर्ष कमलेश पुत्र श्रवण कालबेलिया उम्र 30 वर्ष , प्रभु पिता गंगाराम कालबेलिया उम्र 40 वर्ष , लाड उर्फ जीजी पत्नी कालु कालबेलिया 25 वर्ष शामिल थे। 

राज्य सरकार द्वारा जयपुर से विशेष रूप से नियुक्त किए गए स्पेशल पीपी महावीर सिंह कानावत ने कहा कि बहुचर्चित भट्टी कांड जिसमें एक 17 साल की नाबालिग के साथ गैंगरेप करके उसको जिन्दा ही भट्टी में जलाया गया था। कोर्ट ने आरोपियो को मृत्युदंड का फैसला दिया है। 

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उन्होंने कहा कि इस कांड का मुख्य आरोपी कालू था और उसको धारा 302 के तहत मृत्युदंड दिया गया। इसके साथ ही 376 व 376 डी में आजीवन कारावास, 326 में 7 वर्ष का कारावास, 5 जीएल-6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दूसरे आरोपी काना को भी 302 में मृत्युदंड से दडिंत किया गया। ¾ पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास, 326 में 7 वर्ष का कारावास, 376 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 

उन्होंने कहा कि यह न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला है और पुलिस विभाग की भी इसमें बहुत अच्छा सहयोग रहा है। 7 आरोपियो को बरी करने के सवाल पर पीपी महावीर सिंह ने कहा यह आरोपी हत्या और दुष्कर्म में शामिल नहीं थे। जिसके कारण इन्हे दोषमुक्त किया गया है। यह बालिका के शव को जलाने में सहायक थे। इसके लिए न्यायालय में हम फिर से चार्टशीट पेश करेगें और जल्द से जल्द यह सभी भी जेल की सलाखों के पीछे होगें।

मृतका का के माता- पिता ने कहा कि  कोर्ट के फैसले से हम बहुत खुश हैं। आज हमारी बेटी की आत्मा को शांति मिली है। हमारी मांग है कि जो 7 आरोपियो को छोड़ा गया है उनको भी सजा मिलनी चाहिए। 
 










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