यूपी की बड़ी खबर: निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, जानिये ये अपडेट
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा दिये गये आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से तीन महीने के अंदर डिलिमिटेशन प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सभी पक्षों को भी नोटिस जारी किया है और तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
1. SC stays HC order directing UP to hold urban local body polls without reservation for OBC
— Dynamite News (@DynamiteNews_) January 4, 2023
2. Panel appointed by UP will hv to decide OBC quota in 3 months
3. To ensure administration of local bodies is not hampered, UP Govt will be at liberty to delegate powers after terms end
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से यूपी की योगी सरकार को बड़ी राहत मिल गई है। यूपी सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अबसे थोड़ी देर पहले फैसला दिया।
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फिलहाल नहीं होंगे चुनाव, तैनात होंगे प्रशासक
ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाये जाने के कारण यूपी में फिलहाल अगले तीन माह तक नगर निकाय चुनाव नहीं हो सकते हैं। सभी निकायों में प्रशासकों को तैनात किया जायेगा। पिछड़ा वर्ग आयोग तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगा और 3 हफ्ते बाद इस मामले में अगली सुनवाई होगी।
प्रशासनिक व्यस्था न हो प्रभावित
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि चुनावी में देरी के कारण लोकल बॉडीज की प्रशासनिक व्यस्था प्रभावित और रुकनी नहीं चाहिये।
ओबीसी आरक्षण पर देनी होगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त पैनल को तीन महीने में राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों के लिए ओबीसी आरक्षण को लेकर फैसला करना होगा और अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
बता दें कि इससे पहले 28 दिसंबर को इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अपने फैसले में बिना ओबीसी आरक्षण के ही राज्य में निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण के बिना 31 जनवरी, 2023 तक चुनाव संपन्न कराया जाए और ओबीसी आरक्षण के लिये आयोग गठित किया जाये। यूपी सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।